Health Insurance लेते समय नहीं दिया इन 15 बातों पर ध्यान तो हो जाएगा insurance का कबाड़ा | Health Insurance Best 15 features in Hindi ।

इस लेख में, हम आपको ये बताएँगे की एक स्वास्थ्य बीमा को लेते समय  किन  महत्वपूर्ण प्रश्नो के उत्तर को अच्छी तरह जान लेना चाहिए ,ताकि हम अपने Insurance का समुचित लाभ ले सके | आइए, अब हम इन प्रश्नो तथा उन प्रश्नो के तात्पर्य  पर प्रकाश डालेंगे तथा Health Insurance Best features के बारे मे भी बात करेंगे जो आपको एक उत्तम Health Insurance के चुनाव मे मदद  करेंगे ।

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Health Insurance क्या होता है ?

Health Insurance (स्वास्थ्य बीमा) एक महत्वपूर्ण निवेश है ,जो आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा के साथ आर्थिक सुरक्षा का सम्पूर्ण ध्यान रखता है | यह सुनिश्चित करने में मदद करता है की अचानक किसी बीमारी के इलाज का बोझ हमारे परिवार के ऊपर न आ जाए ।

यह आपको मेडिकल खर्चों से  सुरक्षित रखता है और आपको अच्छे देखभाल की सुविधा प्रदान करता है। आज कल बाजार मे अलग अलग तरह के सैकड़ो Health Insurance उपलब्ध है | जो अलग अलग जरूरत के अनुसार बनाए गए है | इस तरह ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है की कौन सा बीमा हमरे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण तथा उपयोगी है |

हालांकि सही स्वास्थ्य बीमा का चुनाव करना आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। क्योकि सैकड़ो बीमा से एक बीमा क चुनाव करना है जो समझने मे आसान एव अन्य से सस्ता हो | इसके साथ ही हम कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोतर या ये कहे की Health Insurance Best features के माध्यम से हम ये जान लेते है की कौन सा बीमा हमारे लिए उपयुक्त है |

Health Insurance कितने का लेना चाहिए ?

जैसे ही Health Insurance की बात होती है , सबसे पहले मन मे एक ही सवाल आता है की ,कितने का health insurance पर्याप्त होती है | क्योकि आज कल की महंगाई निश्चित रूप से इलाज के दौरान दिख जाती है | अत : जरूरी है की हमारे पास जो भी हैल्थ इन्शुरेंस है ,वो इतना होना चाहिए की जब भी जरूरत पड़े ,पर्याप्त हो |

अब इस बात की चर्चा कर लेते है की हैल्थ इन्शुरेंस या स्वस्थ्य बीमा कितने का लेना  चाहिए ? अब इस सवाल का जवाब ढूँढने के लिए ,पहले अपने परिवार के सदस्यों की संख्या पर गौर करनी चाहिए | अगर आपके परिवार मे पति पत्नी के अलावा दो बच्चे है ,और अप सभी शारीरिक रूप से बिलकुल स्वास्थ्य है ,तथा आप किसी मेट्रो सिटी मे रहते है तो 10 लाख ,अन्य शहर मे रहते है तो कम से कम 5 लाख का बीमा देख सकते है |

अगर आप इतने का बीमा लेते है तो ,आगे चल कर इसे बढ़ाने के लिए आप सुपर टॉप अप  का इस्तेमाल कर सकते है |इस तरह आप निर्णय ले सकते है की कितने का बीमा लेना चाहिए |

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Room rent limit  कितनी होनी चाहिए ?

आपको बता दूँ की जिस इलाज के दौरान आप 24 घंटे से ज्यादा अस्पताल में एड्मिट रहते है ,उसी इलाज के बिल के लिये ,बीमा कंपनी को क्लेम कर सकते है। इस दौरान आप को अस्पताल के उस रूम का किराया भी देना होगा जिस रूम में आपका इलाज हो रहा है। अतः रूम रेंट भी आपके अस्पताल के बिल का बड़ा हिस्सा हो सकता है।  जिसके कारण  बीमा कंपनिया रूम रेंट पर लिमिट लगा कर रखती है। अगर आप इस लिमिट से ज्यादा महंगा रूम में इलाज कराते  है तो ,लिमिट का अतिरिक्त रुपया आपको अपने जेब से देना होगा। 

उदाहरण के लिये अगर आपके बीमा में रूम रेंट लिमिट 5000 ₹  प्रतिदिन है ,और उपचार के दौरान आपके  रूम का रेंट 6000 ₹ प्रति दिन है ,तो अतिरिक्त 1000 ₹ प्रतिदिन आपको अपने जेब से भरना होगा। बीमा कंपनी इस अतिरिक्त 1000 ₹ का वहन नहीं करेगी क्योंकि आपके रूम रेंट की लिमिट 5000 ₹ ही है।

ऐसी स्थिति में रूम रेंट की लिमिट आपके उपचार को बाधित कर सकती है। अतः हमेशा ऐसी बीमा का चुनाव करें जिसमें रूम रेंट की कोई लिमिट न हो। बाजार में ऐसी बहुत पॉलिसी है जिसमें रूम रेंट की कोई  कैप या लिमिट नहीं है ,और इनकी प्रीमियम की कीमत भी ज्यादा नहीं है । 

Restoration of cover क्या होता है ?

जब भी आप कोई Health insurance ले तो इस बात का जरूर ध्यान दे की उस इन्शुरेंस मे Restoration of cover का कोई फीचर्स है की नहीं | क्योकि किसी भी Health Insurance का  कवर एक साल के लिए होता है | दूसरे साल के लिए फिर से उसका प्रीमियम भर कर उसे रेन्यु करना पड़ता है | यानि इन्शुरेंस का जो कुल राशि होती है ,एक साल मे उतने का ही इलाज करा पाते है |

लेकिन कई बार ऐसा होता हैं की एक ही साल मे कुल बीमित राशि का इलाज करने के बाद ,हम उसी साल मे फिर से बीमार पड़  जाते है ,और हमे और होसपिटलिजेड उपचार की जरूरत पड़ती है | ऐसी स्थिति मे हम क्या  करे ,क्योकि  जीतने का हमने बीमा लिया था ,उतने का इलाज तो हम ने पहली बीमारी मे ही करा  दिया |

ऐसे मे हमे चिंता की कोई जरूरत नहीं जब  हमारे बीमा मे Restoration of cover की फैसिलिटी है |यानि बीमा की राशि कहत्म होने के बावजूद हम उतने का इलाज फिर से करा सकते है , जितना की हमे Restoration of cover की राशि मिली हुई है |

अत : अप जब भी Health इन्शुरेंस लेने जाए तो Restoration of cover  वाला ही बीमा चुने ताकि जरूरत पड़ने पर एक ही साल मे आप दोबारा भी अपना इलाज करा सके |

No claim bonus के क्या लाभ है ?

यह फीचर्स हमारे लिए बहुत लाभकारी है | क्योकि इसके  नाम से ही पता चलता है की ,इसमे हमे कुछ न कुछ बोनस के तौर पर मिलने वाला है |अगर किसी साल हम अपनी बीमा  का उपयोग नहीं किया तो उस साल हमे लगता है की हमारे बीमा का कोई भी लाभ नहीं हुआ | लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है | अगर हम अपने बीमा का कोई भी लाभ नहीं लेते है तो ,इसके एवज मे कुछ  बीमा कंपनीयां  ग्राहक को एक रिवार्ड के तौर पर कुछ राशि देती है ,जो आपके बीमा की राशि मे जोड़ दिया जाता है |

उदाहरण के लिए आप के पास 5 लाख का बीमा है | आपने एक साल मे कोई इलाज नहीं कराया या बीमा को लेने के लिए कोई भी क्लेम नहीं किया ,और आपका No claim bonus 1 लाख रुपया है तो अगले साल आपके बीमा राशि  मे एक लाख रुपया जुड़ जाएगा इसका मतलब ये है की अगले साल आपके बीमा की राशि 6 लाख हो जायेगी | इस तरह आप अतिरिक्त 1 लाख रुपये का इलाज करा सकते है |

इस तरह अगर आपका No claim bonus जुड़ता गया तो आपका  बीमा राशि ,बीमा कंपनी के नियमानुसार बढ़ता जाएगा | जो की एक बहुत बड़ा लाभ है |

अत: बीमा लेते समय इस बात का भी ध्यान रखे आपके बीमा मे No claim bonus है की नहीं |

Cashless hospital  क्यो जरूरी है ?

बीमारी के इलाज के लिए Cashless hospital का होना बहुत जरूरी है ,क्योकि Health Insurance लेने का केवल और केवल एक ही मकसद होता हैं की जब भी बीमा धारक बीमार पड़े तों उसका इलाज बिना पैसे का हो। 

मतलब इलाज का जो भी खर्च आये बिना किसी ना नुकुर के ,उस खर्चे को बीमा कंपनी द्वारा वहन किया जाय। 

ऐसा तभी संभव हो पायेगा ,जब आपके बीमा कंपनी के पास ज्यादा से ज्यादा हॉस्पिटल का नेटवर्क हो। यानी आप बीमा कंपनी के नेटवर्क हॉस्पिटल में अपना इलाज कराते हैं तो इलाज कैशलेश हो जाएगा।  यानी जो भी खर्च आयेगा ,बीमा कंपनी हॉस्पिटल को दें देगी। 

नेटवर्क हॉस्पिटल से बाहर भी इलाज हो सकता है ,पर ध्यान रहे वहा हॉस्पिटल का जो भी बिल आयेगा ,आपको अपने जेब से भरने होंगे।  बाद में उस बिल के एवज में क्लेम करके पैसा लें सकते है। पर पहले अपने पास से बिल पे करने होंगे। यह प्रक्रिया भी बड़ी होती है। 

ऐसी स्थित में बिल का व्यवस्था करना आपके लिये मुश्किल हो सकता है ,और आपका इलाज भी बाधित हो सकता है। इसलिये Health Insurance लेने से पहले आप यें जान लें कि जिस  शहर में आप रहते हैं ,वहां पर बीमा कंपनी के नेटवर्क में कितने हॉस्पिटल है। अगर इनकी संख्या ठीक ठाक हैं तभी उस बीमा कंपनी का बीमा लें ,अन्यथा रहने दें 

Co-pay क्या होता है ?

Co-pay का सीधा सा मतलब होता है हॉस्पिटल के बिल का बटवारा | यानि आपके इलाज का जो भी बिल है उसे आपके और बीमा कंपनी के बीच शर्त मे दी गयी प्रतिशत  के अनुसार बाट  दिया जाएगा | फिर आप अपने हिस्से का बिल पे करे और बीमा कंपनी अपने हिस्से का बिल पे करेगी |

इस तरह की शर्ते Health Insurance के कुछ पॉलिसी में Co -pay के रूप मे  देखने को मिल जाता है । लेकिन ऐसे बीमा को लेने से बचना चाहिये जिसमें Co-pay की शर्तें हो।  क्योंकि यह बहुत ही नुकसान दायक हो सकता हैं। और आपके इलाज का खर्चा भी अधूरा रह सकता है। 

दरशल Co-pay एक ऐसा शर्त  होता है जिसके अनुसार हॉस्पिटल के बिल का कुछ प्रतिशत खुद बीमा धारक पे करने के लिये बाध्य  होता है। 

साफ तौर पर कहे की कुछ बीमा ऐसे होते हैं जिस में आपको अस्पताल में भर्ती होने पर बिल  का कुछ  भाग  स्वयं देना पड़ता है। यह शर्त आपके और बीमा कंपनी के बीच इलाज में किये गये खर्च को बाँटने की प्रक्रिया होती है। 

यह शर्त हर बीमा या बीमा कंपनियों में अलग अलग होता है। जो  2%से 20% तक या उससे अधिक भी हो सकता है। ऐसे बीमा सस्ता भी नहीं होता। लेकिन आपके इलाज के खर्च को आपके लिये बोझ बना सकता है। 

अतः विशेषज्ञों की अक्सर सलाह होती हैं की ऐसा बीमा नहीं लेना चाहिये ,जिसमें प्रीमियम के साथ हॉस्पिटल का बिल भी भरना पड़े। 

Pre hospitalization coverage क्यो जरूरी है ?

कई बार ऐसा होता हैं की हम अचानक  ,अस्पताल में भर्ती नहीं हो जाते। कुछ दिन पहले से उसकी दावा या जांच होती रहती है। उसके बाद हम अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती होते है । यहां भर्ती होने से पहले की जो पीरियड हैं Pre hospitalization कहा जाता हैं। 

अगर आप चाहते हैं की इस दौरान जो भी खर्चे होते हैं उसका भी क्लेम बीमा से लिया जाय तो आपको निश्चित ही ऐसा insurance  लेना चाहिये जिसमें Pre hospitalization coverage शामिल हो। इस तरह आपके एडमिट होने से पहले की जो भी बिल है ,उसका भी भुगतान ले सकते है |

यह coverage 30-90दिनों तक मिल सकता है। यह आपके इलाज के शुरू में ही आपको सहायता दे सकता है ,जो की काफी राहत की बात है। 

Post hospitalization coverage क्यो होना चाहिये ?

कुछ बीमारियां ऐसी होती है ,जिसका इलाज हॉस्पिटल से डिसचार्ज होने के बाद कई महीनों तक चलता रहता है।जो हर पॉलिसी मे कवर नहीं होता है ,पर  कुछ insurance में इसे भी cover  किया जाता है या ये कहे की इसका खर्चा भी बीमा कंपनी द्वारा वहन किया जाता हैं। 

इसे हम Post hospitalization coverage कहते हैं।  

यह फीचर्स बहुत ही उपयोगी हो सकता हैं ,अतः अपके  Health insurance  में इस का होना बहुत जरूरी होता है | ताकि हॉस्पिटल से आने के बाद खर्चो का बोझ आपके ऊपर न पड़े |

क्योंकि  यह  आपकी पूरी उपचार प्रक्रिया को सम्पूर्ण करने में मदद कर सकता है। 

Day care treatment क्या होता है ?

Day care treatment इलाज की वह विधि है ,जिसमें बीमारी का इलाज 24 घंटे से पहले हो जाती है । यानि 24 घंटे तक एडमिट नहीं होना पड़ता | अगर आपके पॉलिसी मे Day care treatment  का फीचर्स है तो इसका भुगतान बीमा कंपनी के द्वारा होता है | चुकी insurance का लाभ लेने के लिये बीमा धारक को कम से कम 24घंटॆ के लिये अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है।  इसलिए आपको Day care treatment वाला ही इन्शुरेंस का चुनाव करना चाहिए |

Day care treatment के तहत जीन न बीमारी के  इलाज को कवर किया जाता है किया जाता है वो निम्नलिखित है –

  • मोतिया बिन्द का आपरेशन ,
  • नेज़ल साइनस आपरेशन ,
  • कैंसर कीमोथिरेपी और 
  • कैंसर रेडियो थिरेपी इत्यादि। 

एक अच्छे health insurance में Day care treatment का बहुत बड़ा महत्व हो जाता है ,जो आपको इस तरह के इलाज के खर्चे से बचता है। 

Hospitalization at home कैसे होता है ?

इलाज के इस पद्धति में घर पर ही रह कर मेडिकल सुविधा लेने का प्रावधान है ,ऐसा तब होता हैं जब अस्पताल में बेड खाली नहीं है या जिस बीमारी का इलाज घर पर रह कर संभव  है। 

अगर कोई  मरीज का अस्पताल मे  पहुँचने की स्थिति मे नहीं है ,तो उसका भी इलाज घर पर हो सकता है |  

हालांकि ऐसे इलाज के कुछ फायदे और तो कुछ नुकशान भी है । पर ऐसे फीचर्स कई बार बहुत उपयोगी साबित हो जाते हैं। अतः एक अच्छे Health  Insurance में Hospitalization at home का विकल्प शामिल होना जरूरी माना गया है। 

Hospitalization at home का महत्व covid के बाद और भी बढ़ गया है या प्रचलन में भी आया है।  क्योकि उस समय सबका इलाज हॉस्पिटल मे करना संभव नहीं हो पा रहा था | जिसके बाद इस तरह के इलाज को भी कंपनीया अपने बीमा मे एड करने लगी है |

Ambulance charges cover होना क्यों जरूरी है ?

कभ ऐसी स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है की इलाज के लिए एक शहर से दूसरे शहर मे रेफर कर दिया जाय | ऐसे मे मरीज को रेफर होने के बाद लंबी दूरी के हॉस्पिटल मे शिफ्ट करना पड़े तो पैसे के लिहाज से ये एक महंगा इलाज साबित हो सकता है | इस तरह की कठिनाई से बचने के लिये Ambulance charges cover देने वाली insurance को प्राथमिकता देनी चाहिये। 

बाजार मे बहुत सी ऐसी बीमा उपलब्ध है जो एक निश्चित राशि तक ambulance के खर्चे को भी कवर करती है |

Ambulance एक आपातकालीन सेवा मानी जाती है, जो मरीज के इलाज मे बहुत बड़ा सहायक साबित हो सकता है। इस बात को नकारा नहीं जा सकता है। यह एक महत्वपूर्ण बिन्दु है ,जिस पर गौर करना चाहिए | इन सब विंदुओ के प्राथमिकता से आपका बीमा और भी ज्यादा उपयोगी सिद्ध हो सकता है।  

अत : आप  जब भी कोई health insurance के बारे मे सोचे तो उस मे ambulance के खर्चे के बारे में जरूर ध्यान रखें।  क्योकि इससे इलाज के दौरान ambulance मे होने वाले खर्चे से बचा जा सकता है। अच्छे insurance मे ये दायरा 5 लाख तक या उससे ऊपर भी हो सकता है। 

आशा है इसकी महत्व भी आप भली भांति समझ गए होंगे | क्योकि इस तरह के फीचर को लेने से कोई एक्सट्रा खर्च तो नहीं पर , एक्सट्रा कवर जरूर मिल जाता है |

Existing illness cover क्या होता है ?

Health Insurance मे Existing illness cover  को एक बहुत महत्वपूर्ण विंदु माना जाता है | क्योकि इस विंदु पर क्लेम approved और reject होने का आधार होता है |

इसका मतलब ये होता है की जब भी आप कोई भी इन्शुरेंस ले तो ऐसी कोई भी बीमारी को नहीं छुपानी चाहिए ,जो आपको पहले से हो  | क्योकि ऐसी बीमारियो के लिए कुछ समय  के बाद कवर देने का प्रावधान है | अगर आपको पहले से कोई बीमारी है ,और उसके बारे में insurance form के डीटेल्स में नहीं भरा तो इसे गैरकानूनी करार दिया जा सकता है। 

उदाहरण के लिए – इन्शुरेंस लेने के तुरंत बाद आपको किसी ऐसे बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल मे भर्ती होना पड़े ,जो आपको पहले से ही है तो , इस तरह के बीमारी में किये गये खर्च का क्लेम नहीं मिल पाता | ऐसे क्लेम को कवर करने के लिए बीमा कंपनी 1- 3 साल का समय लेती है | यानि बीमा शुरू होने से 1-3 साल के बाद इस तरह के बीमारी के इलाज का खर्चा कंपनी देती है |

ऐसे मे इन्शुरेंस लेते समय सभी जानकारी सही सही देनी चाहिए ताकि एक निश्चित समय के बाद आप  Existing illness cover का लाभ ले सके |आप को ये भी जानकारी रखनी चाहिए की इसके तहत कौन कौन सी बीमारी कवर है तथा ,कितने दिनों के बाद कवर होती है। 

Maternity cover से क्या  समझते है ?

अगर आप अविवाहित है या आपकी शादी होने वाली है या फिर न्यू बेबी प्लान करने वाले है तो आपको अपने Health  insurance मे  निश्चित  तौर पर Maternity cover को लेना ही चाहिए | क्योकि यह आपको बच्चे के जन्म से संबन्धित होने वाले सभी छोटे बड़े खर्चे से बचाएगा |

Maternity cover  बच्चे के जन्म के सभी खर्चों को कवर करता है ,जैसे -अस्पताल में भर्ती, चिकित्सा उपचार, डिलीवरी से पहले और बाद में भी बच्चे के माँ के लिए किए गए खर्च को कवर किया जाता है। इस बीमा में रूम रेंट का खर्चा , एम्बुलेंस का खर्चा और सर्जन डॉक्टर की फीस जैसी खर्चे भी कवर की जाती हैं। इसके अलावा , प्रसव के बाद 90 दिनों के  होने वाली कोई भी बीमारी और उसके इलाज के खर्चे को भी वहन किया जाता है |

यह बीमा सामान्य और ऑपरेशन दोनों तरह के प्रसव के  लिए लागू होता है |

यह चिकित्सकीय रूप से किसी कारण वस असमान्य गर्भ को गिराने के खर्चे को भी कवर करता है | साथ ही  ‘न्यू बोर्न बेबी कवर’ भी है जो यह शिशु के चिकित्सा एव उपचार से संबंधित खर्चों को वहन करता है। 

Initial waiting period क्यों महत्वपूर्ण है ?

हम जब भी Health Insurance लेते है उसमे एक Initial waiting period  होती है | साफ तौर पर कहा जाय तों आक्सिडेंट केस को छोड़ कर अन्य  सभी बीमारियो को कवर करने के लिए एक निश्चित टाइम होता है ,जिसके बाद ही हम होने वाले बीमारियो के लिए क्लेम कर सकते है |

इसमे अलग अलग बीमा कंपनी और अलग अलग बीमा के लिए अलग अलग समय सीमा हो सकता है | जो जान लेना बहुत जरूरी होता है की मौजूद बीमे का Initial waiting period क्या है | यह 30-90 दिनो तक हो सकता है | ऐसी स्थिति मे उस बीमा का चुनाव करे जिसका  Initial waiting period कम  से कम हो |

निष्कर्ष :-

Health insurance बहुत  जरूरी है , इसलिए कभी भी महंगा होने के कारण एक अच्छा insurance को कभी भी नजर अंदाज  नहीं करनी चाहिए |या केवल नाम के लिए health insurance को नहीं लेना चाहिए । आप जब भी स्वास्थ्य बीमा ले चाहे ऑनलाइन हो या ऑफ लाइन तो ऊपर दिये गए सभी बिंदुओं यानि Health Insurance Best features पर बारीकी से ध्यान दे। और निश्चित करें की ये सभी फीचर्स आपके स्वास्थ्य बीमा में हो। ताकि आपको भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी कोई भी परेशानी हो तो आपका insurance  आपके साथ आपका कवच बन कर खड़ा हो। 

आपके स्वास्थ्य जीवन के कामनाओ के साथ ,अपने इस लेख को विराम देता हु | अगर आपके मन मे कोई भी सवाल है तो हमे जरूर मेल करें | ध्न्यवाद !

by Sagar Sinha

Health Insurance और Life Insurance मे क्या अंतर है ?

Health Insurance इलाज के काम आता है ,Life Insurance जिंदगी नहीं रहने के बाद काम आता है |

Health Insurance लेने के लिए किस डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है ?

Health Insurance लेने के लिए पहचानपत्र और एक एड्रैस प्रूफ की जरूरत होती है |

क्या एक व्यक्ति दो health insurance ले सकता है ?

हाँ ,पर यह सही नहीं होता | ऐसे मे क्लेम को दोनों बीमा कंपनी द्वारा( 50-50-)वहन किया जाता है|

एक Health Insurance कितने दिनो के लिए होता है ?

Health Insurance एक साल के लिए होता है ,इसे हर साल प्रीमियम दे कर renew कराया जाता है |

Health Insurance कब लेना चाहिए ?

Health Insurance जितना जल्दी हो सके ले लेना चाहिए |

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