म्यूचुअल फंड में SIP कैसे करें ? क्या है इसके फायदे और नुकसान ? | What is SIP , full details in Hindi .

म्यूचुअल फंड में SIP क्या होता है ? SIP काम कैसे करता है ? म्यूचुअल फंड मे SIP शुरू करते समय किन बातों का ध्यान रखें  ? ऑनलाइन SIP कैसे करे ? SIP में निवेश क्यों करना चाहिए ? SIP के फायदे

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निवेश और बचत के अलग अलग तरीकों मे एक और कारगर बिकल्प मौजूद है ,जिसे SIP के नाम से जाना जाता है | SIP का पूरा नाम Systematic investment plan होता है | जैसे की नाम से ही पता चल रहा है की एक ऐसा investment plan जो की systematic हो | यानि एक अनुसाशीत निवेश | यह SIP शब्द म्यूचुअल फंड से संबन्धित है | आसान भाषा मे कहे तो SIP के जरिये म्यूचुअल फंड मे निवेश किया जाता है |

आगे हम sip के बारे मे बिस्तार से चर्चा करने वाले है तो चलिए आज हम लोग बात करते हैं कि म्यूचुअल फंड में SIP क्या होता है ? और इसके फायदे और नुकसान क्या है ?

म्यूचुअल फंड में SIP क्या होता है ? | What is SIP in Mutual Fund?

उम्मीद है कि आपको म्यूच्यूअल फंड क्या होता  है? इसके बारे में पता होगा ! अगर नहीं पता तो चलिए संक्षेप में आपको बता देता  हूँ दरअसल म्यूच्यूअल फंड एक  निवेशकों का समूह होता है, जिसमें बहुत से निवेशक अपना अपना पैसा इकट्ठा करके शेयर मार्केट के एक्सपोर्ट को देते  हैं, और वह एक्सपर्ट मार्केट से प्रॉफिट कमा कर सभी को समान भागों में बांट देता है।

अब मुद्दे पर आते हैं किम्यूच्यूअल फंड में एसआईपी क्या होता है?

ऊपर जो हमने म्यूच्यूअल फंड के बारे में बात किया उसमें निवेश करने के मुख्यतः 2 तरीके होते हैं।  पहला लमसम( Lump Sum ) दूसरा SIP !  लमसम में हम म्यूचुअल फंड में एक साथ ढेर सारा पैसा दे देते हैं, और SIP में हम म्यूचुअल फंड में थोड़ा-थोड़ा करके पैसा डालते हैं।  SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए निश्चित समय हम खुद तय करते हैं, जैसे कि दैनिक, सप्ताहिक, महीना, तिमाही, सालाना  आदि अंतराल हम अपनी सुविधा अनुसार तय कर सकते हैं। 

SIP काम कैसे करता है ?

पुरानी कहावत है “बूंद बूंद से सागर भरता है” SIP भी इसी तरीके से काम करता है। म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए हम अपनी थोड़ी-थोड़ी धनराशि जमा करते-करते एक बहुत बड़ी पूंजी बन जाती है।   उस कुंजी पर हमें अच्छा खासा ब्याज भी मिल जाता है। आप यह समझ लीजिए कि आप एक व्यवस्थित तरीके से अपनी फाइनेंसियल प्लानिंग कर रहे हैं, जिसमें आपको आने वाले समय में बहुत बड़ी रकम एक साथ मिलेगी।।

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जैसा कि हमने पहले चर्चा की कि SIP को हम दैनिक सप्ताहिक, मासिक, तिमासिक और वार्षिक भी कर सकते हैं, यह हमारी सुविधा के ऊपर है।  तो आप यह भी समझ लीजिए की इन छोटी-छोटी SIP के जरिए आप एक बहुत बड़ी पूंजी तैयार कर सकते हैं। आपके मन में सवाल होगा कैसे?  तो चलिए मैं आपको समझाता  हूँ माना कि आपने मासिक SIP ₹1000 की है, तो आप साल में 12000 जमा करेंगे। कोई भी म्युचुअल फंड कम से कम 6 से 10% के बीच रिटर्न देता है। अगर हम 10% माने तो आपको ब्याज समेत ₹12670 मिलेगा। तो वही आप 5 साल के लिए निवेश प्लान करते हैं तो आपको 78082 रुपए मिलते हैं जिसमें आपकी मुंह धनराशि केवल ₹60000 ही होगी इसी तरीके से आप 10 या 20 साल की एसआईपी करते हैं तो आपको अंत में लाखों रुपए मिलते हैं।

म्यूचुअल फंड मे SIP शुरू करते समय किन बातों का ध्यान रखें  ?

म्यूचुअल फंड मे निवेश करना काफी आसान है | लेकिन जरूरी है की कोई भी SIP शुरू करने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखे ,ताकि निश्चित समय मे अपने लक्ष्यों को पूरा करने मे कोई परेशानी न हो | आइए अब इन जरूरी बातों को ध्यान देते है ,जिनके मध्यनजर sip शुरू करनी चाहिए –

लक्ष्य का निर्धारण –

जब भी आप कभी SIP शुरू करने की सोचें तो पहले इस बात का फैसला करें की आपको sip क्यो करनी है | SIP शुरू करने के पीछे आपका क्या उद्धेश्य है ,या SIP के पैसे से आप क्या करना चाहते है | यह इसलिए जरूरी हो जाता है क्योकि कभी आप sip बंद करने की सोचे या गुमराह हो रहें हो तो आपको अपना लक्ष्य याद रहे और आप इसे पूरा करने की रह पर रहें |

ये लक्ष्य इस तरह हो सकते है की -आपको SIP इस लिए शुरू करनी है क्योकि बेटी की शादी के लिए पैसे इकट्ठे करने है ,या बच्चों को उच्च शिक्षा दिलनी है | आपको अपने लिए मकान लेना है या कोई अन्य ऐसे कम करने है ,जिसमे काफी पैसों की जरूरत है |

ऐसे कार्य के लिए आपको निश्चित ही SIP करनी चाहिए ताकि ये कम कभी आपको पैसे की कमी की वजह से बोझ जैसा न लगे |

अवधि  निर्धारण –

SIP शुरू करने के लिए लक्ष्यों का निर्धारन करते समय उस अवधि को जरूर निश्चित करे , जिसमे आपको अपने लक्ष्यों को पूरा करना है | जैसे अगर आपको अपने बच्चे को उच्च शिक्षा के लिए धन इकट्ठा करना है तो ,कितने वर्ष बाद आपको इसकी जरूरत होगी | मान लीजिये बिटिया की शादी के लिए आपको SIP करनी है तो ,कितने साल बाद बिटिया की शादी करनी है | अगर शादी करने मे आपको पाँच साल का समय लग सकता है तो ,आपकी अवधि निर्धारण 5 साल हुई | या यो कहे तो अपना लक्षय 5 साल मे पूरा करना है |

अगर आप लक्ष्य और अवधि का निर्धारण कर लेते है तो आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कितने रुपए प्रति माह या प्रति सप्ताह की SIP करने की जरूरत होगी ,कलकुलटेर के माध्यम से आसानी से जान सकते है |

अच्छे फंड का चुनाव –

SIP शुरू करने के लिए पहले आपको अच्छी तरह ये जान लेना बहुत जरूरी है की आपके समय और SIP मे निवेश करने वाले रकम के अनुशार आपके लिए अच्छा फंड कौन सा हो सकता है | या वो कौन सा फंड है जो आपको आसानी से आपके लक्ष्यों को पूरा करने मे मदद करेगा |

अगर आपके लक्ष्यों को पूरा करने मे 10 साल का समय है तो -स्माल कैप फंड 5 साल का समय है तो मिडकैप फंड और उससे कम समय है तो आप लार्ज कैप फंड के बारे मे सोच सकते है |या एक अच्छा पोर्टफोलियो बनाने के लिए किसी financial adviser का मदद ले सकते है | जो आपके लक्ष्यो को पूरा करने मे मदद करे |

KYC या eKYC करना –

ऊपर दिये गए सभी बिन्दुओ पर अमल करने के पश्चात ,अब आपको अगला कम ये करना है की म्यूचुअल फंड मे KYC या eKYC करना होगा | या साफ तौर पर कहें तो म्यूचुअल फंड के लिए अपने आपको रजिस्टर करना होगा |यह कम आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीको से कर सकते है | यह केवल एक बार करना होता है ,उसके बाद आप जीवन भर कहीं से भी म्यूचुअल फ़ंड मे निवेश कर सकते है |

KYC करने के लिए आप किसी म्यूचुअल फंड कंपनी के वैबसाइट पर जाकर या ऑफिस मे जा कर कर सकते है | इसके लिए आपको आधार कार्ड ,एड्रैस प्रूफ और की जरूरत होती है |

निवेश की राशि तय करे –

SIP करने से पूर्व आपको ये भली भांति जान लेना चाहिए की आपके लक्ष्यों के अनुशार कितने रुपए की SIP करनी चाहिए |ये जानने के लिए आपको म्यूचुअल फंड कलकुलेटर का उपयोग करना होगा ,जिसमे आपको समय और आवश्यक राशि तथा अनुमानित ब्याजदर डालने के बाद आपको प्राप्त हो जाएगा की कितने रुपये की SIP करनी होगी ,जो आपके लक्ष्यों को पूरा करेगी |

नीचे cleartax.in का caulator है जिसके मदद से आप ये जान पाएंगे की आपको हर महिना कितने की SIP करनी होगी |

निवेश की तिथि तय करे –

SIP मे एक निश्चित तिथि की भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान होती है ,जिस दिन आपको अपनी SIP का डेट रखनी है | जिस दिन आपकी SIP जानी है ,उस दिन आपके अकाउंट मे पर्याप्त रकम की व्यवस्था होनी चाहिए ,नहीं तो बैंक आपके ऊपर पेनल्टी भी लगा सकता है |इसलिए SIP तारीख का चुनाव सोच समझ कर करे |

अगर आप नौकरी पेशा वाले है ,और आपकी तनख्वाह महीने की 7 तारीख को अति है तो ,आपको चाहिए की SIP की तारीख 10 तारीख के आस पास रखे ,ताकि कभी तनखवाह आने मे कभी किसी कारण बस देर हो जाए तो आपको किसी प्रकार के परेशानी की सामना न करना पड़े |

निवेश की निगरानी की योजना बनाये  –

अगर आपने SIP शुरू कर दिया है ,तो आपको फंड के परफॉर्मेंस पर नजर बनाए रखने की एक ज़िम्मेदारी बन जाती है ,की आपका फंड कैसा रिजल्ट दे रहा है | इसके लिए एक योजना बना लेनी चाहिए की साल मे कम से कम एक बार फंड का परफॉर्मेंस चेक करना है |जिससे की कभी कोई बदलाव की जरूरत होने पर ,समय रहते पता चल जाय | और अजरूरी बदलाव कर पाये |

ऑनलाइन SIP कैसे करे ?

आप SIP के लिए अपने आप को आसानी से रजिस्टर कर सकते है | या यो कहे की आपको SIP शुरू करने के लिए काही भी जाने की जरूरत नहीं है ,आप घर बैठे आसानी से ऑनलाइन SIP शुरू कर सकते है | बस आपको नीचे दिये गए स्टेप को फॉलो करना है –

  • SIP शुरू करने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ, पासपोर्ट साइज फोटो और एक चेक बुक सहित बैंक डिटेल्स की जरुरत पड़ती है।
  • म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए KYC करना अनिवार्य होता है।
  • KYC पूरा होने के बाद आपको अपने लक्ष्य के आधार पर एक अच्छे फंड का चुनाव करना होता है |
  • उसके बाद फंड हाउस की वेबसाइट पर जा कर अपनी पसंद का SIP चुनना होता है।
  • अब अपने आप को फंड की वैबसाइट पर अकाउंट बना कर रजिस्टर करना होता है |
  • रजिस्टर करने के बाद अपना सभी व्यक्तिगत सूचना को सही सही भर कर सबमिट करना होता है |
  • अब बनाए हुये अकाउंट पर यूजर नेम तथा पसवोर्ड बनाना होता है |
  • ऑनलाइन लेन-देन के लिए एक यूजरनेम और पासवर्ड चुनें।
  • उस बैंक खाते की जरूरी जानकारी देनी होती है जिससे SIP का भुगतान करनी होती है ।
  • अपने अकाउंट मे लोग इन के बाद निवेश करने के लिए फंड को चुनना होता है |
  • सभी प्रक्रिया पूरी हो जाने पर और फंड हाउस से कंफर्मेशन मिलत है उसके बाद निवेश शुरू कर सकते हैं।
  • SIP आमतौर पर 35-40 दिनों मे शुरू हो जाते है |

SIP में निवेश क्यों करना चाहिए ?

आप एक बात ध्यान से समझिए की एक साथ बहुत सारा पैसा देने पर यानी कि म्यूचुअल फंड में लमसम के जरिए पैसा देने पर आप अधिक रिटर्न की उपेक्षा रखते हैं, तो वही म्यूचुअल फंड में आप अपनी पूंजी बनाने के ऊपर आपका ध्यान रहता है। इसीलिए यदि आपको अपनी एक बड़ी सी पूंजी तैयार करना है तो आपको  SIP में निवेश जरूर करना चाहिए।

SIP के फायदे

आइए म्यूचुअल फंड में SIP करने के कुछ फायदे जानते हैं।

अनुशशित निवेश बन जाता है –

एएम तौर पर हम किसी भी निवेश के लिए उतना अनुशशित नहीं हो पते जितना की होना चाहिए |लेकिन SIP एक आटोमेटिक प्रक्रिया होने की वजह से ये अपने आप निवेश हो जाता है |जैसे हा कोई लोन टाइम पर चुका देते हैं। SIP भी इसी तरीके से होता है। एक निश्चित तारीख पर हमारे बैंक अकाउंट से पैसे कट जाते हैं।  पर इस तरीके से हमारा एक व्यवस्थित निवेश होता है।

कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है –

जब आप SIP में निवेश करते हैं तो आप कहीं ना कहीं कुछ टाइम बाद उसमे कुछ ना कुछ एक्स्ट्रा अमौंट भी जोड़ देते है । साथ मे आप को  कंपाउंडिंग का भी लाभ मिल जाता है। कंपाउंडिंग का मतलब क्या होता है ? यह आसान भाषा में कहूं तो आपने “जो ब्याज कमाया है उस पर भी ब्याज कमाना”!  SIP में कंपाउंडिंग भी होती है इसलिए आपकी पूंजी तेजी से बढ़ता है।

टैक्स में बचत होती है –

आप म्यूचुयल फंड में निवेश कर टैक्स में भी छूट पा सकते है । म्यूचुयल फंड में अलग से टैक्स सेविंग के लिये अलग से फंड होते है जिसे ELSS (Equity Linked Savings Schemes) के नाम से जाना जाता है । इस में निवेश करने के उपरांत धारा 80 C के तहत 1.5 लाख रूपये तक की छूट मिलती है ।

इस तरह म्यूचुयल फंड में निवेश करने पर आपको अच्छी छूट मिल जाती है ।

निवेश मे रिस्क कम हो जाता है –

ऐसा माना जाता है की अगर आप म्यूचुयल फंड में SIP के माध्यम से आप निवेश करते है तो नुकसान की संभावना कम हो जाती है । क्योकि हर बार आपको नए रेट में NAV प्राप्त होता है । कभी महंगा मिलता है तो कभी सस्ता भी मिलता है ,इस तरह मिला जुला रेट पोर्ट फोलीओ को संतुलित करता है । SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपका पैसा डूबने का बहुत कम चांस होता है। शेयर मार्केट और लमसम की तुलना में म्यूचुअल फंड बहुत अधिक सुरक्षित होता है।

निवेश करना बहुत आसान हो जाता है –

SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत ही आसान है। बस आपको केवल एक बार आपको फंड पसंद कर लेने के बाद और यह तय करने की कि बाद हर महीने कितने रुपए की SIP करनी है। आपको अपना बैंक अकाउंट SIP वाले स्कीम से लिंक कर देना है। हर महीने निश्चित की गई तारीख से आपके बैंक अकाउंट से पैसा कट जाएगा।

SIP के नुकसान

वैसे म्यूच्यूअल फंड में SIP के जरिए निवेश करने का नुकसान तो ना के बराबर है।  फिर भी मैं अपने हिसाब से आपको SIP के कुछ नुकसान भी बता देता हूँ-

  • तय तारीख पर पर्याप्त राशि अकाउंट मे नहीं होने पर पेनल्टी लग सकती है |
  • अगर महंगा NAV हो तो भी खरीदना मजबूरी हो जाती है |
  • SIP बंद करने से पहले फंड हाउस को सूचित करना पड़ता है |
  • एक बार SIP रजिस्टर करने के बाद तारीख बदलना मुश्किल होता है |
  • समय समय पर SIP की समीक्षा करना पड़ता है |

उम्मीद है कि आप को इस पोस्ट के जरिए SIP क्या होता है? और इसके फायदे और नुकसान क्या है? यह समझ आ गया होगा आप अपने विचार हमें कमेंट करके जरूर दीजिए।

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FAQs

SIP का फुलफोर्म क्या है ?

SIP का फुलफोर्म Systematic investment plan होता है |

SIP कितने दिनों का कर सकते है ?

SIP को मासिक ,साप्ताहिक ,या वार्षिक भी कर सकते है |

SIP मे कम से कम कितना निवेश कर सकते है ?

SIP को अप कम से कम 100 रुपए से शुरू कर सकते है , यह हर फंड के लिए अलग अलग हो सकता है |

SIP को शुरू करने के बाद उसे कम या ज्यादा किया जा सकता है ?

हा ,उसे बढ़ाया या घटाया जा सकता है |

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