Saving और Investment एक दूसरे से कैसे अलग हैं |What is saving and investment in Hindi . 

Saving क्या होता है? Investment क्या होता है? Saving और Investment एक दूसरे से कैसे अलग हैं? जाने सब कुछ स्पष्ट शब्दों मे |

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आज के समय में बहुत सारे लोग Saving के बारे में सोचते हैं क्योंकि भविष्य में आपको कभी भी पैसे की जरूरत पड़ सकती है ,ऐसे में आपके द्वारा बचाए हुए पैसे आपके काम आ सकते हैं। भारत में Saving करने की परंपरा काफी पुरानी है और देश के अधिकतर लोग Saving करने को बहुत अधिक महत्व देते हैं। 

लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो saving की जगह Investment को वरीयता देते हैं। वे अपने पैसों को किसी ऐसी जगह पर इन्वेस्ट करते हैं जहां से उन्हें अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त हो सके। Investment के लिए शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि Saving और Investment एक दूसरे से अलग कैसे हैं?

Saving और Investment के बीच अंतर को समझने के लिए सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि Saving क्या होता है? और Investment क्या होता है? यदि आपको इन दोनों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी है तो आपको इन दोनों के बीच के अंतर का भी पता चल जाएगा। हालांकि आप में से बहुत सारे लोग Saving और इंवेस्टमेंट को अच्छी तरह से समझते होंगे लेकिन फिर भी Saving कई प्रकार का होता है।

Saving क्या होता है?

यदि आर्थिक क्षेत्र में बात किया जाए तो Saving कई प्रकार का होता है। आमतौर पर बहुत सारे लोग अपने पैसों की Saving करते हैं ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर वह उस पैसे का उपयोग कर सकें और अपनी जरूरत पूरा कर सकें। इसके साथ ही साथ बहुत सारे लोग अपने पैसों को किसी ऐसी जगह पर निवेश करते हैं, जहां से वे अच्छे रिटर्न के साथ  टैक्स  भी बचा सकें तो इसके लिए Equity Linked Saving Schemes (ELSS) सबसे बेहतर विकल्प होता है।

भारत में बहुत सारे लोग अपना Saving Bank Account भी ओपन कराते हैं ताकि वह उसमें अपना पैसा रखकर सेव कर सके। इसके साथ ही साथ इसमें उन्हें बैंक द्वारा ब्याज भी मिलता है जो अमूमन 2.5% से लेकर 5% तक होता है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने पैसों को सेव करने के लिए फिक्स डिपॉजिट (FD) का सहारा लेते हैं। इसमें पैसे सेव रहने के साथ ही साथ उसका ब्याज भी मिलता है। फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट पर अमूमन 4% से लेकर 7% तक वार्षिक ब्याज बैंक की ओर से दिया जाता है। भारत में पैसों की Saving करने के विकल्पों की सूची नीचे दी जा रही है।

  • Public Provident Fund (PPF)
  • Kisan Vikas Patra (KVP)
  • National Savings Certificates (NSC)
  • Sukanya Samriddhi Account (SSA)
  • National Pension System (NPS)
  • Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY)
  • Atal Pension Yojana
  • Sukanya Samriddhi Yojana (SSY)
  • Unit-linked Insurance Plan (ULIP)
  • Atal Pension Yojana (APY)
  • Equity Linked Savings Scheme (ELSS)
  • Senior Citizens’ Saving Scheme (SCSS)

Investment क्या होता है?

जैसा कि Investment (निवेश) नाम से ही स्पष्ट है कि इसमें अपने पैसों को किसी ऐसी जगह पर इन्वेस्ट किया जाता है, जहां से आपको बेहतर मुनाफा मिल सके। हालांकि यदि आप अपने पैसों को किसी जगह पर इन्वेस्ट कर रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वहां से आपको उसका मुनाफा ही मिल जाएगा। कई बार आपको नुकसान भी झेलना पड़ता है। आज के समय में बहुत सारे लोग शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड, गोल्ड इत्यादि में इन्वेस्ट करते हैं ताकि उन्हें वहां से बेहतर मुनाफा मिल सके लेकिन कई बार उन्हें नुकसान का भी सामना करना पड़ता है।

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यदि आप शेयर मार्केट या म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले किसी भी शेयर या फंड के बारे में अच्छी तरह से जानकारी जुटा लेनी चाहिए। कितना ही नहीं आपको जिस कंपनी द्वारा शेयर या फंड निकाला गया है उसके पिछले इतिहास के बारे में भी जानकारी लेनी चाहिए। यदि आप पूरी तरह से जानकारी करके किसी जगह पर Investment करते हैं तो आपको नुकसान मिलने की संभावना बहुत ही कम होगी।

हालांकि सिर्फ शेयर मार्केट, म्यूच्यूअल फंड या गोल्ड में ही Investment नहीं किया जाता है बहुत सारे लोग अपना खुद का बिजनेस शुरू करके उसमें इन्वेस्ट करते हैं और उसके जरिए मुनाफा कमाने की आस लगाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पैसों की Saving करने के लिए किसी भी जगह पर पैसे जमा करना या रखना Investment के अंतर्गत आता है। नीचे हम आपको भारत में मौजूद Investment विकल्पों की एक सूची देने जा रहे हैं।

  • Mutual Funds
  • Stocks (Share)
  • Real Estate
  • National Pension System (NPS)
  • Gold
  • Fixed deposits (FD)
  • Bond
  • ULIP
  • Fixed deposit
  • Government National Savings Certificates
  • India Post
  • Gold exchange-traded product
  • Senior Citizen Savings Scheme (Scss)
  • Equity Linked Savings Scheme (ELSS)
  • RBI Bonds
  • Sukanya Samriddhi Account
  • Public Provident Funds (PPF)

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Saving और Investment एक दूसरे से कैसे अलग हैं?

यदि आपने Saving और Investment के बारे में जान लिया है तो अब हम आपको बताएंगे कि Saving और Investment एक दूसरे से अलग कैसे हैं?

दरअसल यदि आप पैसों की Saving करने के लिए उसे किसी योजना में निवेश करते हैं तो वहां से आपको नुकसान नहीं झेलना पड़ता है बल्कि कई प्रकार के फायदे भी मिलते हैं। उदाहरण के रूप में यदि आपने नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में निवेश किया है तो यहां पर आपको नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा बल्कि आपको इसके साथ ही साथ वार्षिक ब्याज जोड़कर उसका मुनाफा दिया जाएगा। इसीलिए बहुत सारे लोग Saving Schemes में निवेश करना पसंद करते हैं।

इसके अलावा यदि Investment की बात की जाए तो यहां पर आप अपने पैसों को किसी ऐसी जगह पर इन्वेस्ट करते हैं जहां से आपको मुनाफा मिलने की संभावना हो। लेकिन जरूरी यह नहीं होता है कि आपको उस जगह पर इन्वेस्ट करने से मुनाफा ही मिले। हालांकि किसी Saving Schemes में पैसे लगाना भी एक प्रकार का Investment ही कहलाता है।

उदाहरण के रूप में यदि आप स्टॉक मार्केट, गोल्ड म्यूच्यूअल फंड इत्यादि में Investment करते हैं तो इसमें रिस्क के साथ-साथ बेहतर मुनाफा मिलने की भी संभावना होती है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि Saving में रिस्क बिल्कुल नहीं होता है जबकि Investment में रिस्क भी हो सकता है। नीचे हम आपको कुछ लक्षणों के माध्यम से समझाएंगे कि Saving और इंवेस्टमेंट एक दूसरे से अलग कैसे हैं?

रिटर्न: यदि आप किसी Saving Schemes में कैसे लगाते हैं तो इसमें आपको रिटर्न कम मिलता है। क्योंकि बहुत सारे Saving Schemes में एक वार्षिक ब्याज पर होता है जिसके अनुसार आप अपने रिटर्न की गणना कर सकते हैं। लेकिन यदि आप अपने पैसों को किसी दूसरी जगह पर इन्वेस्ट करते हैं तो इसमें आपको अधिक रिटर्न मिलने की संभावना होती है। हालांकि आपको इसमें कम रिटर्न भी मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें वार्षिक ब्याज तय नहीं होता है, यह रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।

जोखिम: यदि आप अपने पैसों को किसी ऐसे Saving Schemes में लगाते हैं जिसमें आपको एक तय वार्षिक ब्याज मिलता हो तो इसमें जोखिम बिल्कुल नहीं होता है। लेकिन यदि आप अपने पैसों को किसी ऐसी जगह पर निवेश करते हैं जहां पर एक तय वार्षिक ब्याज नहीं मिलता है तो इसमें जोखिम काफी अधिक होता है। यदि आप जोखिम लेने को तैयार हैं तो अपने पैसों को अलग-अलग जगह पर इन्वेस्ट कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आप जोखिम लेने को तैयार नहीं हैं तो सिर्फ ऐसी ही जगह पर इन्वेस्ट करें जहां आपको एक तय वार्षिक ब्याज के आधार पर रिटर्न मिले।

पैसों के रिटर्न का समय: यदि आप अपने पैसों को किसी Saving Schemes में लगाते हैं तो अक्सर उसमें लॉक इन पीरियड होता है जो एक- दो महीने से लेकर 5 साल तक भी हो सकता है। यदि आप फिक्स्ड डिपॉजिट करते हैं तो अलग-अलग बैंक अलग-अलग नियम चला रहे हैं। इसके अलावा यदि आप अपने पैसों को स्टॉक म्यूच्यूअल फंड या शेयर मार्केट, इत्यादि में निवेश करते हैं, तो इसमें मुनाफा प्राप्त करने के लिए आपको लंबे समय तक अपने पैसों को छोड़ना होता है। इसमें पैसों के रिटर्न का समय काफी लंबा होता है।

कठिनाई: Saving Schemes में पैसे लगाना बहुत ही आसान होता है और इसे समझना भी काफी आसान रहता है। लेकिन यदि आप अपने पैसों को इन्वेस्ट करते हैं तो इसे समझना मुश्किल होता है और आपको हमेशा इस के उतार-चढ़ाव पर भी ध्यान देना होता है।

मंहगाई से सुरक्षा: Saving Schemes में पैसे लगाने पर महंगाई से सुरक्षा काफी कम मिलता है। क्योंकि महंगाई के अनुसार आपको अच्छा खासा रिटर्न नहीं मिल पाता है। इसके साथ ही साथ पैसों को निवेश करने के बाद महंगाई बढ़ने पर अच्छा-खासा रिटर्न मिल जाता है। 

मंहगा/सस्ता: Saving Schemes में पैसे लगाना अपेक्षाकृत कम सस्ता है, जबकि Investment करना काफी महंगा हो सकता है। Saving Schemes  अधिकतर टैक्स फ्री होते हैं जबकि कुछ Saving Schemes में रिटर्न पर टैक्स देना पड़ता है जबकि  स्टॉक मार्केट में निवेश करने पर आपको अपने Investment पर भी टैक्स देना पड़ जाता है और साथ ही साथ रिटर्न पर भी टैक्स लगता है। 

लिक्विडिटी: Saving Schemes और Investment दोनों में लिक्विडिटी का असर अधिक रहता है। क्योंकि हो सकता है कि आपने जितने पैसे इन्वेस्ट किए हैं उसके अनुसार आपको अच्छा मुनाफा ना मिले।

निष्कर्ष:

इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि Saving और Investment एक दूसरे से अलग कैसे हैं? उम्मीद है कि आपको अच्छी तरह से जानकारी मिल गई होगी। यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें और इसी तरह के मजेदार आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट को बुकमार्क अवश्य करें।

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