Crypto ITR का नया नियम क्या है| what is new rule of Crypto ITR.

Crypto ITR का क्या नियम है ? Crypto पर कब से tax लागू होगा ? Crypto tax के लिए कौन सी नयी धारा जोड़ी गयी ? Crypto लीगल होगी या नहीं ? क्या Crypto मे नुकसान की भरपाई सरकार करेगी ? जाने सब कुछ विस्तार से |

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आपको पहले हम यह जानकारी दे चुके हैं कि क्रिप्टो करेंसी क्या है? जैसा कि आप जानते हैं, कि यह एक डिजिटल रुपया है ।इसे आप छू नहीं सकते ,ना ही अपने वॉलेट में रख सकते हैं। इसको एक्सचेंज के द्वारा ही खरीदा  या बेचा जा सकता है। 

अब सरकार ने इस रुपए के लेनदेन पर भी टैक्स लगाने की घोषणा की है। जिसके बाद निवेशकों मे ये जिज्ञासा उत्पन्न हुई की इसके रिटर्न file कैसे करे? आइए जानते हैं कि Crypto ITR के क्या नियम है…

भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की वर्चुअल असेट्स से हुए प्रॉफिट पर भी 30 प्रतिशत टैक्स और वर्चुअल असेट्स के ट्रांजैक्शन पर 1 फ़ीसदी टीडीएस लगेगा।

अब समझने वाली बात यह है, कि यदि आप क्रिप्टो करेंसी के निवेशक हैं, तो आपको अब इसका रिकॉर्ड रखना अनिवार्य है। क्योंकि आने वाले साल मैं आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में इसका पूरा विवरण देना होगा।

कहने का तात्पर्य यह है कि फाइनैंशल ईयर 2022 व 23 के लिए जब आप इनकम टैक्स रिटर्न(ITR) भरेंगे तो फॉर्म में क्रिप्टो करेंसी से आमदनी के कॉलम को भरना अनिवार्य होगा

इसमें एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि, राजस्व सचिव तरूण बजाज ने कहा है, कि यह टेक्स क्रिप्टो करेंसी से होने वाली 5000000 रुपए से अधिक आमदनी पर 30% टैक्स व 15% रिचार्ज भी देना होगा।

ITR के फॉर्म में अब एक महत्वपूर्ण बदलाव के साथ किट्टू से हुए लाभ की जानकारी देने के लिए एक अलग से कॉलम होगा और इसके पूरे विवरण को देने के बाद आपको इस पर टेक्स् देना अनिवार्य होगा। यदि आप क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी कोई भी जानकारी छुपाते हैं तो मैं आपकी ब्लैक मनी मानी जाएगी।

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Budget:2022 .क्रिप्टो पर कैसे, कहाँ और कितना देना होगा  tax |

Crypto पर कब से टैक्स लागू होगा .?

Finance secretary तरुण बजाज ने कहा कि फाइनेंस बिल में वर्चुअल डिजिटल असेट्स के टैक्स से जुड़ा प्रावधान है। जब संसद में इस बारे में बिल पेश होगा, उसके बाद ही उसकी तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी ।अब इतना समझना बहुत जरूरी है कि 1 अप्रैल से क्रिप्टो से हुए लाभ पर 30% टैक्स के साथ  सेस और  सरचार्ज भी लगेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में क्रिप्टो पर हुए लाभ का 30 फ़ीसदी टैक्स देने को अनिवार्य कर दिया उसके ट्रांजैक्शन पर एक फीस भी टीडीएस भी लागू करने की घोषणा कर दी।

CBTI (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस) के चेयरमैन जी बी मोहपात्रा के कथा अनुसार एक अनुमानित क्रिप्टो करेंसी के एक्सचेंज का सालाना टर्नओवर 30000 से 100000 करोड़ों रुपए के लगभग है । एक लाख करोड़ रुपए की वॉल्यूम पर एक फीसदी  टीडीएस से सरकार की आय 1000 करोड़ों रुपए होती है। और यह सरकार के लिए बहुत ही अच्छा है।

क्रिप्टो के निवेशकों की मुनाफे की स्थिति लगातार मजबूत होती जा रही है और इसी लाभ के कारण क्रिप्टोकरंसी में निवेशक लगातार बढ़ रहे हैं भारत में दुनिया के सर्वाधिक क्रिप्टो करेंसी के निवेशक हैं इनकी संख्या लगभग 10.07 करोड़ है। अमेरिका और रूस में क्रमश 2.74 करोड़ वह 1.74 करोड़ है।

वही नाइजीरिया में 1.30 करोड़ क्रिप्टो करेंसी के निवेशक हैं। जेबी महापात्रा ने यह भी कहा कि ऑनलाइन डिजिटल ऐसैट्स को टैक्स के दायरे में लाने के कारण आयकर विभाग को देश में इस क्रिप्टो करेंसी के कारोबार की गहराई का पता लगाने व निवेशकों की प्रकृति को जानने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि इसका यह अनुमान कतई ना लगाएं कि क्रिप्टो करेंसी का लेनदेन वैध हो जाएगा।

आईटीआर का नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होगा और उन्होंने स्पष्ट किया कि क्रिप्टो करेंसी से हुई आमदनी को घोड़ों की रेस और लॉटरी की तरह का ही ट्रांजैक्शन माना जाएगा।

Crypto पर किस धारा के तहत लगी है टैक्स? 

श्री बजाज जोकि रेवेन्यू सेक्रेटरी है उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी से हुए मुनाफे पर टैक्स लगता था बजट में इस पर नया टैक्स लगाने का एलान  नहीं किया गया है इसमें क्रिप्टो करेंसी की कानूनी हैसियत के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है ।

 इनकम टैक्स कानून मे एक नया सेक्सन जोड़ा गया है जो 115BBH है ।फाइनेंस बिल में वर्चुअल डिजिटल ऐसैट्स पर टेक्स्ट जुड़ा प्रावधान है उनके इस बयान से साफ हो गया कि क्रिप्टो से हुए मुनाफे को अब छुपाया नहीं जा पाएगा। और यदि कोई इसको छुपाता है यानी अपने आइटीआर फॉर्म में इसकी जानकारी नहीं देता है तो उसको ब्लैक मनी माना जाएगा।

क्या Crypto लीगल टेंडर माना जाएगा ?

फाइनेंस सेक्रेट्री टीवी सोमनाथ ने कहा कि दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन है व अन्य भी कई क्रिप्टो करेंसी प्रचलित है। लेकिन इनको अभी वैद्य मुद्रा लीगल टेंडर घोषित नहीं किया जा सकता है। 

सोमनाथ ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से लाई जाने वाली डिजिटल करेंसी कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगी। डिजिटल रुपए का लीगल टेंडर होगा।

क्या Crypto मे नुकशान की भरपायी सरकार करेगी?  

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने क्रिप्टो पर हर असमंजस को दूर करते हुए साफ शब्दों मे कहा है की जब हम कोई गोल्ड ,मकान या कोई प्रॉपर्टी खरीदते है तो वो हमारी एसेट्स कहलाती है, न की करेंसी ठीक वैसे ही क्रिप्टो हमारे लिए सिर्फ एसेट्स है, न की करेंसी ।

इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा है की अगर कोई निवेशक क्रिप्टो मे नुकसान का सामना करता है तो सरकार की तरफ से भरपायी की कोई व्यवस्था नही है । इसका जिम्मेदार निवेशक खुद होगा ।और कुल मुनाफे पर 30%का टैक्स देना ही होगा ।

क्रिप्टो के नुकसान को एक क्रिप्टो से दूसरे क्रिप्टो स्थान्तरित भी नही किया जा सकता । उदाहरण के लिए- मन लीजिए क्रिप्टो मे आपका नुकसान हुआ और एथेरीम मे फायदा तो दोनो के फायदे और नुकसान को अलग अलग रखा जाएगा । इसे सम्मिलित नही किया जायेगा। इससे संबन्धित अगर आपके पास कोई सवाल है तो जरूर कमेन्ट करे |

हमारी इस ज्ञानवर्धक पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

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