Mutual fund मे asset allocation क्या होता है ,जाने इसके फायदे और नुकसान के बारे मे |What is importance of asset allocation mutual fund in Hindi .

Mutual fund asset allocation क्या होता है ? Mutual fund में asset allocation को कैसे निर्धारित करें ? और साथ मे जाने asset allocation के फायदे और नुकसान के बारे मे आसान शब्दों मे .Asset allocation और portfolio मे क्या संबंध होता है ?Mutual fund से क्या समझते  है ?

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म्यूच्यूअल फंड अच्छी जगह निवेश करने  का एक बहुत ही अच्छा एवं सरल तरीका है । क्योकि यहां निवेश करने के लिये बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि आपके पास हजारों रुपए हो तभी आप इसे शुरू कर सकते हैं ।आप केवल ₹500 प्रति माह के हिसाब से भी इसमें निवेश करके लाभ कमा सकते हैं |

आज की इस लेख में हम समझेंगे कि म्यूचुअल फंड में एसेट्स एलोकेशन क्या होता है ,म्यूचुयल फंड में यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

इससे पहले हम म्यूचुयल फंड और इसके सुरक्षा के मापदंड सहित SEBI की भूमिका के बारे में आपसे कुछ बात करना चाहेंगे ।  साथ में म्यूचुयल फंड के प्रकार के बारे में भी बात करना आवश्यक है ताकि एसेट एलोकेशन को समझना आसान हो जाए ।अंत में आपसे  एसेट एलोकेशन के फायदे और नुकसान की भी चर्चा करने वाले है ,तो इन सभी पहलुओं को आसानी से समझने के लिये बने रहिए लेख के अंत तक ।

आइए बढ़ते हैं म्यूचुअल फंड के इस रोचक सफर की ओर…

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Mutual fund से क्या समझते  है?

सबसे पहले जानते हैं कि म्यूचुअल फंड आखिर है क्या ? वैसे तो म्यूच्यूअल फंड एक जाना पहचाना नाम है ।जब बहुत से निवेशकों के रुपए इकट्ठे किए जाते हैं तथा इन रुपयों का निवेश शेयर या बांड मार्केट में  निवेश किया जाता है, तो उसे म्यूच्यूअल फंड कहते हैं। निवेशकों को उन रुपयों के बदले में यूनिट दिए जाते हैं ।इन यूनिटों के अनुपात के अनुसार शेयर या बांड की खरीदी बिक्री पर होने वाले लाभ को म्यूच्यूअल फंड (यूनिट )धारको में बांट दिए जाते हैं । जिसे यूनिट को NAV कहा जाता है।

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म्यूच्यूअल फंड होल्डर्स को यह लाभ सब प्रकार के खर्चे जैसे एडमिन खर्च, एजेंट का कमीशन आदि काटकर किया जाता है ।उनको बाजार में किसी स्कीम की योजना अनुसार बनाकर ही लांच किया जाता है ।किसी भी प्रकार के म्युचुअल फंड के लिए यह बहुत जरूरी है, कि वह अपना नाम भारत की प्रतिभूति एवं सेवी में जरूर दाखिल करें ।

सरल भाषा में समझे तो म्यूचुअल फंड लोगों के समूह से बने हुए पैसे का फंड है, और इस फंड को अलग-अलग जगह पर निवेश करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। तथा यह प्रयास किया जाता है कि निवेशक को भरपूर मुनाफा दिया जाए। हम उम्मीद करते हैं कि म्यूचुअल फंड क्या है यह अब आप भली-भांति समझ गए होंगे।

Mutual fund मे निवेश कैसे करे ?

उम्मीद है म्यूचुअल फंड से आप भली भांति परिचित हो गए होंगे ,अब आइए इस बारे मे बात करते है की अगर किसी व्यक्ति को म्यूचुअल फंड मे निवेश करने के लिए क्या करना होगा |

म्यूचुअल फंड मे निवेश करना काफी आसान है |आप खुद भी म्यूचुअल फंड कंपनी के वैबसाइट पर जा कर सभी प्रक्रिया को पूरा करते हुये निवेश कर सकते हैं। 

अथवा आप किसी भी एजेंट के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं ।एजेंट के माध्यम से करने पर एजेंट आपसे अपना फिक्स कमीशन लेगा। अपनी निवेश को SIP के माध्यम से या फिर एक मस्ट मे भी निवेश कर सकते है |

।हमारी सलाह आपको यह रहेगी कि आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को अपनाएं तो बेहतर होगा।(SIP) इसमें आपके निवेश से पहले पूरी योजना तैयार कर ली जाती है ,कि कितनी अवधि के लिए व कितना निवेश करना आपके लिए बेहतर होगा।

अगर आप चाहे तो Android app के इस्तेमाल से भी  म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं ।कुछ खास ऐप है ,जिनके नाम हम आपको बता रहे हैं जैसे Groww ,Mycams,Investor,kTrack Mobile app. आदि।

Link के जरिए आप अपने पसंदीदा ऐप को साइन अप करें। एप पर अपना अकाउंट बनाएं तथा स्क्रीन पर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए आगे बढ़े। अब आप बहुत ही आसानी से इन एप के द्वारा म्यूचुअल फंड में अपने रुपए को निवेश कर सकते हैं।

निवेशकों को मेरी सलाह यह है, कि इस दौड़ में आप अपनी गति कछुए की तरह रखते हुए निरंतर दौड़ते रहे ,रुके नहीं, थके नहीं ।इस तरह आप मार्केट के उतार-चढ़ाव से ज्यादा प्रभावित नहीं होंगे। जल्दी निवेश करने के साथ सही राशि को निवेश करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Mutual fund मे SEBI की क्या भूमिका है ?

अगर बात निवेश की हो तो सुरक्षा से जुड़ा हुआ सवाल सबसे पहले मन मे आता है |और म्यूचुअल फंड से जुड़े सुरक्षा के सभी मापदंड SEBI के निगरानी मे होता है | SEBI यानि securities and exchange board of  india. 

कुछ समय के बाद म्यूचल फंड कंपनियों के कार्य पर भी कंट्रोल की जरूरत महसूस की गई। ताकि म्यूच्यूअल फंड की कंपनियां लोगों द्वारा दिए गए पैसों का गलत ढंग से इस्तेमाल ना कर पाए। और अपने निवेशकों को उनके हक का सही लाभ मिले।

कंपनियों पर कंट्रोल का ध्यान सेबी ही रखता है सेबी समय-समय पर अपने निवेशकों के लाभ को ध्यान में रखते हुए अपने ही नियमों में संशोधन करता है। जिससे कंपनियों की पारदर्शिता बनी रहे तथा उन पर नियंत्रण भी रहे।

12 अप्रैल 1988 में भारत में आधिकारिक रूप से विनियमित करने के लिए सेवी को नियुक्त किया गया था। सेबी भारत में प्रति मूर्ति मार्केट को विनियमित करने में एक अहम भूमिका निभाता है।

1992 में सेबी को स्टेट्यूटरी शक्तियों के साथ ऑटोनॉमस निकाय कहा गया। कह सकते हैं, कि सेबी हर प्रकार की कैपिटल मार्केट के सहभागी ऊपर एक वफादार प्रहरी के रूप में है। सेबी के द्वारा सिक्योरिटीज इन्वेस्टर व फाइनैंशल मध्यस्थों का ध्यान रखा जाता है। इसका महत्वपूर्ण कार्य निष्पक्षता भी है। तथा निवेशकों में जागरूकता पैदा करना भी है।

निवेशकों के हितों की रक्षा हेतु सेबी की कुछ नीतियां भी है यह नीतियां समान म्यूच्यूअल फंड के कार्य में एकरूपता रखने के लिए है जो कि निवेशकों को स्वयं के फैसले लेने में अधिक स्पष्टता देगी सेबी ने चार श्रेणियों में म्यूचुअल फंड की कार्य क्षमता को विभाजित किया है।

  • Equity (इक्विटी स्कीम )
  • ऋण योजना 
  • हाइब्रिड योजना
  • समाधान उन्मुख योजना

SEBI मे सदस्य के रूप मे कौन कौन होता है ?

SEBI जिसके ऊपर म्यूचुअल फंड के सुरक्षा और और इसे regulate करने की ज़िम्मेदारी है उसमे कुछ चयनित सदस्य होते है इस बोर्ड में सदस्यों की संख्या 9 होती है।

  • एक चेयरमैन
  • दो केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारी
  • एक भारतीय रिजर्व बैंक का सदस्य
  • 5 सदस्य भारत सरकार यूनियन द्वारा चयनित किए जाते हैं।

कह सकते है, कि शानदार समूह है सेबी का ।उम्मीद है आपको म्यूचुअल फंड में सेबी की भूमिका के बारे में स्पष्टता आ गई होगी ।अब आगे आप से म्यूच्यूअल फंड के प्रकार के बारे में हमारी चर्चा जारी रहेगी।

टॉपिक पर आइए आपको बताते हैं कि म्यूचुअल फंड में asset allocation क्या होता है?

Mutual fund asset allocation क्या होता है?

म्यूचुअल फंड मे अच्छा रिटर्न प्राप्त  करने के लिए एक संतुलित पोर्टफोलियो का होना बहुत आवश्यक है|  ऐसेट एलोकेशन म्यूचल फंड में निवेश करके लाभ कमाने का एक बेहतरीन सोच को निर्धारित करता है। आइए  इसको बहुत सरल उदाहरण से समझने की कोशिश करते है |

हम आपको इस प्रकार बताते हैं कि खाना बनाने में हम बहुत सारी सामग्रियों को एक सही अनुपात में मिलाते हैं तो व्यंजन स्वादिष्ट बनता है यदि कुछ भी सामग्री का अनुपात कम या ज्यादा हो जाता है ,तो चीज का स्वाद बिगड़ जाता है। और हमारी मेहनत व व्यंजन बनाने में लगा समय व्यर्थ जाता है।

 इसी प्रकार जब हम किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो हमें अपने पोर्टफोलियो को संतुलित  और बेहतरीन  बनाने के लिए यह ध्यान देना होगा कि हमें अपने पोर्टफोलियो में किस अनुपात से इक्विटी, डेट, कैश या गोल्ड को जोड़ना आवश्यक  हैं इसी को asset allocation कहते हैं।

यह एक मानसिक थकान भरी प्रक्रिया हो सकती है ।लेकिन सही निवेश आपको एक स्फूतीदायक रिजल्ट देगा। क्योंकि ऐसेट एलोकेशन ही है, जो आपके पोर्टफोलियो को ऊंचाई या नीचाई दिखा सकता है।

इसको ज्यादा विस्तार से जानने के लिए इसे दूसरी तरह से समझते हैं हम सभी अपनी आय का कुछ हिस्सा बचत करके रखते हैं। लेकिन बचत करना व निवेश करना दोनों अलग-अलग पहलू हैं। केवल कैश की वैल्यू मुद्रास्फीति में नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है। तथा मुद्रा के  प्रवाह को रोकती है।

 आपकी आर्थिक प्रगति पर भी इसका असर पड़ता है ।इसलिए अपनी बचत को सही ढंग से निवेश करके अच्छा रिटर्न अर्जित किया जा सके तथा टैक्सेशन से बचाव भी हो सके ऐसे निवेश की प्लानिंग भविष्य को उज्जवल ता की ओर ले जाने में सक्षम होती है।

Asset allocation और आपके portfolio में क्या संबंध है?

जब कोई व्यक्ति अपनी बचत को निवेश करता है  ,तो वह किसी कंपनी का स्टॉक ,कोई भी सरकारी बांड या सोना कुछ भी हो सकता है। इनमें से कोई भी asset बाजार की स्थितियों व दुनिया में हो रही विभिन्न घटनाओं से प्रभावित होकर अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है।

जैसे यदि देश में किसी आपातकालीन स्थिति में यदि शेयर के भाव गिर गए तो उस समय सोने के दाम बढ़ सकते हैं तो एक बैलेंस पोर्टफोलियो बनाने के लिए बहुत अच्छी तरह से सोच विचार जरूरी है तो आपको asset allocation कि आपके निवेश पर स्थित रिटर्न देता है यदि आपने अपने पोर्टफोलियो का अच्छे से सोच विचार कर डिजाइन नहीं किया है तो आप अपने जो वित्तीय लक्ष्य है,( आपका घर ,बच्चों की उच्च शिक्षा, नई कार )आदि उन पर सफल नहीं हो सकते।

हमने आपको यह समझाने की कोशिश की है कि एसेट्स  लोकेशन का सही चुनाव आपके निवेश के अच्छे रिटर्न के लिए कितना ज़रूरी है कभी भी एक दूसरे की देखा देखी पोर्टफोलियो को डिजाइन ना करें क्योंकि यह वर्तमान समय में आपके जीवन स्तर तथा आपकी आमदनी ,परिवार के लिए जो संभावनाएं आप देख रहे हैं उन पहलुओं पर निर्भर करेगा। अब बात आती है कि म्यूचुअल फंड में एसेट एलोकेशन को निर्धारित कैसे करते हैं? तो चलिए इस बात को समझने की कोशिश करते हैं।

Mutual fund asset allocation को कैसे निर्धारित करें| how to set mutual fund asset allocation strategies

अब हम जानेंगे की mutual fund मे किस तरह एसेट एलोकेसन को सेट करना चाहिए |(mutual fund asset allocation strategies ) फंड मे निवेश करने से पहले ये निर्धारित करना बहुत जरूरी है की आप अपने कमाई का कितना हिस्सा किस एससेट्स मे डाले | विशेसज्ञ क़हत है की आपके पास यदि दस लाख रुपया जिसे निवेश करना चाहते है तो पूरे 75% यानि 7.5 लाख रुपये को आपको इक्विटि मे डालना चाहिए 20% सोना मे तथा 5% सोना मे निवेश कर सकते है | यह आकडा निवेशक के जरूरत के हिसाब से बादल सकता है |

how to set mutual fund asset allocation strategies के संदेर्भ मे ,आदिल शेट्टी जोकि बैंक बाजार के सीईओ हैं ,उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड में निवेश अब बहुत आसान हो गया है। निवेशक को कोई कंफ्यूजन ना हो इसके लिए यह जरूरी है, कि वे पहले निवेश के लक्ष्य को तय करें ।अपने विचारों में स्पष्ट करें कि उसे निवेश छोटी ,मध्यम या लंबी अवधि में से किसके लिए करना है। यदि आप अभी शुरुआती दौर में है, तो आपके लिए छोटे निवेश को लंबी अवधि के करने कि हम सलाह देते हैं। आप एक छोटी रकम से एसआईपी में शुरू करें और किसी भी ब्लू चिप कंपनी या लार्ज कैप फंड में निवेश करें।

आप हमेशा अपनी जरूरत या कितना रिस्क आप ले सकते हैं उस हिसाब से ही निवेश करें। यदि आप नौकरी पेशा है तो टैक्स सेविंग फंड में निवेश कर सकते हैं। आप ध्यान रखें ,कि आपको एक मुस्त पैसा भरना है या किस्तों में। उसके हिसाब से क्या रिटर्न मिल रहा है ?यह भी चेक करें। स्मॉल कैप, ब्लूचिप, मिड कैप ,मल्टीकैप में आप निवेश कर सकते हैं।

कहने का मतलब है कि अपने फाइनैंशल गोल ,बचत व समय की सीमा को तय करते हुए यह सोचे वा करें कि आप कितना पैसा व किस कंपनी में लगाना चाहते हैं। इसकी के हर पहलू को अच्छी तरह से पढ़े। अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई ही रखें। क्योंकि ऐसा करने से आप बहुत सी एसेट क्लास और निवेश के तरीकों को जान पाएंगे।

आइए अब म्यूचुअल फंड में एसेट्स एलोकेसन के क्या-क्या फायदे हैं इसके बारे में आपको संक्षिप्त जानकारी देते हैं।

Asset allocation की समीक्षा कितने दिनो मे करनी चाहिए ?

म्यूचुअल फंड मे एसेट एलोकेसन  को नकारा नहीं जा सकता ,इस बात को आप भी समझ गए होंगे | अपनी पोर्टफोलियो मे इसक संतुलित बनाए रखने के लिए इसे समय समय पर देखना चाहिए |कम से कम तीन  महीने मे एक बार पोर्टफोलियो का समीक्षा बहुत जरूरी है |अगर आपके फंड मे फंड हाउस से कुछ बदलाव किया जाता है तब भी पोरफोलिओ का निरीक्षण बहुत जरूरी है |

Assets allocation के क्या फायदे  है ?

मेहनत से की गयी कमाई को हम ऐसी जगह लगाने की बात कर रहे है जहा मुनाफा तो है पर ये नहीं पता की कब कौनसे एसेट्स का बाजार ऊपर या नीचे जाएगा |असे मे ये भी कहाँ मुश्किल होगा की कौन से एससेट्स फाइदा देगा और किस मे नुकसान होगी |

ऐसे मे समझदारी ये है की अपने सभी एसेट्स को इस तरह से अलग अलग बाटे की फायदा और नुकसान का संतुलन बना रहे क्योकि कभी भी ऐसा समय आ सकता है जब कोई एक एसेट्स क्लास मे काफी गिरावट आ जाए और उसमे नुकसान हो जाए |इस नुकसान से बचने के लिए हमे चाहिए की अपने पोर्टफोलियो मे एसेट्स को ऐसे रखे की एक का नुकसान दूसरे  का फायदा हो जाए |

इसके फायदे कुछ इस तरह से है –

  • eset allocation पोर्टफोलियो को स्थिरता प्रदान करता है |
  • जोखिम को कम करता  है |
  • अलग अलग एसेट मे निवेश का मौका मिलता है |
  • बाजार के उतार चढ़ाव मे नुकसान का डर नहीं रहता है  |
  • एक साथ कई एसेट का फायदा मिलता है |

म्यूचल फंड के लाभों पर दृष्टि डालने के बाद म्यूचल फंड के कुछ नुकसान ऊपर भी नजर डालना जरूरी है।

 Assets allocation  के नुकसान क्या है?

जहा बात फायदे की होती हो वह नुकसान का सवाल अपने आप आ जाता है पर ,यहा ऐसा नहीं है |

एसेट आलोकेसन का कोई ऐसा नुकसान नहीं जो गंभीर परिणाम दे सके |

इसका फायदा ही फायदा है |

निष्कर्ष :

अंत में हम आपसे यह कह सकते हैं कि आप जो धन अर्जित करते हैं उसे कैसे बचत के रूप में बचा कर रखते हैं और पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं। उसे ऐसे संभाल कर रखें जैसे एक तुरंत रोपे हुए पौधे कि हम देखभाल करते हैं। मतलब आपके पोर्टफोलियो के फलने फूलने पर निरंतर ध्यान देते रहे ,तो आपको इससे बेहतर इन फल और फूल की प्राप्ति होगी।

फिर भी मार्केट रिस्क को ध्यान में रखकर व समझकर ही निवेश करें ।सलाहकार विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें व खुद भी रिसर्च करें।

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप अवश्य लाभ उठाएंगे और यदि आप इससे जुड़ी कोई और जानकारी चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें अवगत जरूर  कराएं। हमें खुशी होगी यदि हम आपकी और कुछ मदद कर पाएंगे। हमारी इस पोस्ट पर अंत तक बने रहने के लिए आपका आभार |

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