जाने Share Market के Technical और Fundamental Analysis के बारे मे और पाये मोटा मुनाफा | How do Share market Analysis full details in Hindi.

Share Market Analysis क्या होता है ? Technical Analysis और Fandamental Analysis कैसे करते हैं?, Technical Analysis के क्या लाभ हैं? Fandamental Analysis के क्या लाभ हैं? Technical Analysis और Fandamental Analysis में अंतर, Technical Analysis और Fandamental Analysis में कौन अधिक भरोसेमंद है?

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शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले अनुभवी लोग हमेशा ही एनालिसिस करके ही किसी शेयर को खरीदते हैं या उसे बेचते हैं। यदि आप इस क्षेत्र में नए हैं और शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाह रहे हैं, तो आपको शेयर मार्केट एनालिसिस करना आवश्यक है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि Share Market Analysis क्या होता है? Technical Analysis और Fundamental Analysis कैसे करते हैं?, Technical Analysis के क्या लाभ हैं? Fundamental Analysis के क्या लाभ हैं? Technical Analysis और Fundamental Analysis में अंतर, Technical Analysis और Fundamental Analysis में कौन अधिक भरोसेमंद है?

पिछले कुछ सालों में शेयर मार्केट में अपने निवेशकों को काफी अच्छा खासा रिटर्न दिया है जिसके चलते नए एवं पुराने निवेशकों का भी उत्साह काफी बढ़ा है। इसे देखकर बहुत सारे नए लोग शेयर मार्केट में निवेश करना चाह रहे हैं। लेकिन शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले आपको सभी शेयर एवं शेयर जारी करने वाली कंपनी की एनालिसिस करना बहुत ही आवश्यक है। 

यदि आप सही तरीके से शेयर मार्केट एनालिसिस करते हैं तो आपको इसमें अच्छा खासा मुनाफा मिल सकता है। हालांकि बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं जो बिना किसी प्रकार के एनालिसिस के शेयर मार्केट में निवेश कर देते हैं। कभी-कभार तो उन्हें फायदा मिल जाता है, लेकिन हर समय इस परिणाम की उम्मीद करना सही नहीं है।

यदि आप किसी शेयर को खरीदने या बेचने जा रहे हैं तो उसकी पूरी तरह से एनालिसिस करना बहुत ही आवश्यक है। इसके साथ ही साथ शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव और उसके भविष्य के बारे में भी अच्छी तरह से एनालिसिस करना महत्वपूर्ण है। यदि आप किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले या किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से जानकारी जुटाने में कामयाब हो पाते हैं तो यह आपको हमेशा ही मुनाफा दिला सकता है।

किसी भी शेयर की कीमत को लगातार बढ़ते देखकर उस में निवेश करना समझदारी नहीं है और यह आपको भविष्य में नुकसान भी दिला सकता है। क्योंकि जरूरी नहीं है कि कोई कंपनी दिन प्रतिदिन वृद्धि ही करती रहे। कभी-कभी कम कीमत वाले या गिरती कीमत वाले शेयर भी आपको अच्छा खासा मुनाफा दिला सकते हैं।

Share market Analysis क्या होता है ?

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह शेयर मार्केट का विश्लेषण करने से संबंधित है। दरअसल, किसी भी प्रतिभूतियों (शेयर, बॉन्ड, इत्यादि) के खरीदने एवं बेचने से पहले उससे संबंधित सभी प्रकार के उतार-चढ़ाव और उसके भविष्य की कीमत का आकलन करने के लिए किए गए विश्लेषण को शेयर मार्केट एनालिसिस कहा जाता है। 

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आपने शेयर मार्केट से संबंधित जानकारी देने वाले शेयर एनालिस्ट के बारे में अवश्य ही सुना होगा। दरअसल शेयर एनालिस्ट किसी भी कंपनी के शेयर और उसके बाजार में प्रदर्शन की अच्छी तरह से एनालिसिस करते हैं और भविष्य में उसके शेयर की कीमत को बढ़ने या घटने के अवसर को विस्तार से अध्ययन करते हैं। सभी प्रकार के एनालिसिस के बाद ही वह किसी भी शेयर को खरीदने या बेचने की सलाह देते हैं।

हालांकि कोई भी शेयर एनालिस्ट आपको शेयर मार्केट के एनालिसिस या किसी भी एक कंपनी के शेयर की एनालिसिस करके आपको सुझाव देने के लिए पैसे लेता है। लेकिन यदि आप शेयर मार्केट के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी रखते हैं और उसमें पैसे निवेश करने को लेकर उत्सुक हैं तो आप खुद से ही सभी प्रकार की एनालिसिस करके अपने पैसे बचा सकते हैं। 

शेयर मार्केट एनालिसिस कोई मुश्किल काम नहीं है। इसके लिए आपको किसी भी एक कंपनी के शेयर के लगातार उतार-चढ़ाव और उस कंपनी के मार्केट के प्रदर्शन पर लगातार नजर रखनी होती है। यदि किसी कंपनी के प्रदर्शन कि भविष्य में अच्छी होने की उम्मीद है तो जाहिर सी बात है कि उसके शेयर की कीमत में भी वृद्धि होगी।

किसी भी प्रकार के एनालिसिस की बात करें तो उसमें दो प्रकार के एनालिसिस किए जाते हैं जिसमें टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस शामिल है। ठीक इसी तरह से शेयर मार्केट में भी इन दो प्रकार के एनालिसिस करने के बाद ही किसी शेयर में निवेश करने का फैसला लिया जाता है। 

फंडामेंटल एनालिसिस को हिंदी भाषा में आधारभूत विश्लेषण और टेक्निकल एनालिसिस को तकनीकी विश्लेषण कहा जा सकता है। हालांकि बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं जो सिर्फ किसी शेयर का आधारभूत विश्लेषण करते हैं और उसमें निवेश कर देते हैं लेकिन एक समझदार व्यक्ति हमेशा आधारभूत और तकनीकी दोनों प्रकार से विश्लेषण करता है और शेयर मार्केट में सफलता प्राप्त करता है। नीचे हम आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस करने के तरीके बताने जा रहे हैं।

Share market में Technical Analysis और Fundamental Analysis कैसे करते हैं? 

टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस दोनों अलग-अलग प्रकार के तत्व होते हैं हालांकि दोनों ही शेयर मार्केट एनालिसिस से संबंधित होते हैं। नीचे हम आपको टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं? और फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करते हैं? दोनों के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।

Share market मे Technical Analysis कैसे करते हैं?

सबसे पहले आपको बता दें कि किसी भी मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस करने से सफलता की गारंटी नहीं होती है लेकिन यह आपको एक विश्वास दिलाता है कि आप मार्केट और शेयर से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी हासिल करके ही इन्वेस्ट करने जा रहे हैं। हालांकि टेक्निकल एनालिसिस सिर्फ ट्रेडिंग के लिए अधिक काम में आती है जिसमें आप कम समय के लिए कोई शेयर खरीदे थे और बेचते हैं। टेक्निकल एनालिसिस में आप मार्केट के तकनीकी विषयों से संबंधित जानकारी हासिल करके मार्केट के उतार-चढ़ाव जानकारी हासिल करते हैं। 

टेक्निकल एनालिसिस में बहुत सारे लोग यह देखते हैं कि मार्केट में ज्यादातर कारोबारियों की पसंद क्या है? इसे पहचानने के लिए शेयर चाट या इंडेक्स चार्ट देखा जाता है। इन डेट को देखकर आप यह समझ सकते हैं कि मार्केट में क्या पैटर्न चल रहा है। एक टेक्निकल एनालिस्ट मार्केट के ग्राफ को देखकर पैटर्न समझता है और अपना नजरिया बनाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टेक्निकल एनालिसिस करने का तरीका बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको मार्केट के ग्राफ या चार की आवश्यकता पड़ती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शेयर मार्केट की टेक्निकल एनालिसिस मूविंग एवरेज कन्वर्स डायवर्जेंस (MACD- moving average convergence divergence) या रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI-Relative Strength Index) के जरिए की जा सकती है। इसके अलावा टेक्निकल एनालिसिस करने की कुछ अवधारणाएं भी है। 

  • किसी भी कंपनी के शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव बाजार में उसके प्रदर्शन पर निर्भर करती है। आप किसी भी शेयर की कीमत को देखकर उससे जुड़ी हर सूचना का पता लगा सकते हैं।
  • किसी भी टेक्निकल एनालिसिस करने वाले व्यक्ति के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह किसी शेयर को क्यों खरीद रहा है बल्कि यह आवश्यक है कि उस शेयर का आगे क्या होगा।
  • किसी भी शेयर के उतार-चढ़ाव का ट्रेंड एक पैटर्न पर चलता रहता है। जैसे मार्केट में लगातार चढ़ाव देखने को मिलता है तो वह ऑटोमैटिक समझ में आने लगता है।
  • जब किसी शेयर की कीमत में लगातार गिरावट होती रहती है तो निवेशक इस शेयर को बेचने लगते हैं जबकि यदि उस शेयर के कीमत में लगातार वृद्धि हो रही है तो निवेशक उसे किसी भी कीमत पर खरीदना चाहते हैं।

इन अवधारणाओं को समझने के बाद टेक्निकल एनालिसिस करते समय OHLC (Open, High, Low, Close) तकनीकी अपनाया जाता है। कोई भी टेक्निकल एनालिस्ट शेयर मार्केट के ओपन होने से लेकर शेयर मार्केट क्लोज होने तक एनालिसिस करता है। इस एनालिसिस में उसे मार्केट का पैटर्न समझ आता है। यदि कोई शेयर जिस कीमत पर ओपन हुआ है उससे अधिक कीमत पर क्लोज होता है तो उसे तेजी का दिन और यदि कम कीमत पर क्लोज होता है तो उसे मंदी का दिन माना जाता है। इस तरह से आप एक दिन के बाजार का पैटर्न समझ सकते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस करते समय लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि कोई शेयर वह अपनी वास्तविक कीमत से सस्ता है या मंहगा। इस प्रकार के एनालिसिस में सिर्फ पुराने ट्रेडिंग डाटा को और उसके पैटर्न को ध्यान में रखा जाता है और उसी के अनुसार भविष्य में मार्केट के प्रदर्शन को समझा जाता है। यदि आपको टेक्निकल एनालिसिस करने की अच्छी जानकारी है तो आप इसका इस्तेमाल शेयर ट्रेडिंग, कमोडिटी ट्रेडिंग, फॉरेन करेंसी ट्रेडिंग, फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट, इत्यादि कहीं भी कर सकते हैं। 

Share market मे Fundamental Analysis कैसे करें?

आज के समय में बहुत सारे निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना पसंद करते हैं और इसके लिए फंडामेंटल एनालिसिस सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि फंडामेंटल एनालिसिस में आपको किसी शेयर का घाटा मुनाफा, बैलेंस शीट, कैश फ्लो, इत्यादि पर नजर रखते हैं। हालांकि की बहुत सारे लोग यह मानते हैं कि यदि आप किसी कमोडिटी का एनालिसिस कर रहे हैं तो इनमें से बहुत सारी चीजों को देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। कमोडिटी के एनालिसिस के लिए आपको नए तरीके के डाटा का इस्तेमाल करना पड़ता है।

ऐसा इसलिए क्योंकि मार्केट में अलग-अलग क्षेत्रों के कंपनियों के शेयर उपलब्ध होते हैं। जैसे यदि आप एग्रीकल्चर सेक्टर के किसी शेयर में निवेश करते हैं तो आपको एग्रीकल्चर सेक्टर से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी जुटानी होगी। ठीक इसी तरह से यदि आप टेक्निकल सेक्टर के शेयर में निवेश करते हैं तो आपको टेक्निकल सेक्टर से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी जुटानी होगी। इसके विपरीत टेक्निकल एनालिसिस में आप सिर्फ मार्केट के ग्राफ को देखकर उसका पैटर्न समझ सकते हैं और किसी भी प्रकार के शेयर में निवेश कर सकते हैं।

हालांकि फंडामेंटल एनालिसिस को अच्छी तरह से समझना साधारण लोगों के लिए उतना आसान नहीं है। इसीलिए इस प्रकार की एनालिसिस चार्टर्ड अकाउंटेंट या कॉमर्स की पढ़ाई करने वाले लोग करते हैं। क्योंकि इसके लिए आपको फाइनेंशियल स्टेटमेंट को समझना, हर शेयर को उसकी इंडस्ट्री के आधार पर समझना और ज़रूरी गणित को जानना होगा। 

फिर भी हम आपको बताना चाहेंगे की जो लोग फंडमेंटल अनलयसीस करते है ,वे लोग प्रमुख factor के आधार पर उसकी गणना करते है ,जो आपको नीचे बता रहे है |

Fandamental Analysis के प्रमुख factor क्या होते है ?

जैसा ये आपने ये जान लिया है की share market मे fandamental Analaysis को बहुत महत्व दिया जाता है | क्योकि कमाई करने का एयक बहुत बड़ी गणना इसमे छिपी होती है | जो व्यक्ति इस गणना को अच्छी तरह समझ लेता है ,संभावना होती है की वो व्यक्ति शेर मार्केट मे अच्छा मुनाफा कमा ले |Share market के फंडमेंटल एनलयसीस मे जिस factor पर ज्यादा ज़ोर दिया जाता है ,वो निम्न है –

Debt Equity Ratio ( DER )

दरशल Debt Equity Ratio ( DER ) वह ratio होता है जिसका उपयोग कंपनी असेट्स के फ़ाइनेंस के लिए किया जाता है | इस ratio के द्वारा यह पता किया जा सकता है की कंपनी के बकायादारों और मालिकों द्वारा कितना फंड दिया गया है ,जिसका आंकड़ा प्रतिसत मे दिखाया जाता है | इसको जानने का साधारण सा फॉर्मूला होता है – Debt – Equity= Total debt

Return on Equity (ROI)

Return on Equity (ROI) से कंपनी के संचालन के कुशलता को पता किया जा सकता है | कंपनी shares के Equity पर जो भी मुनाफा कमाती है उसकी जानकारी ROI से मिलती है |जिससे उसकी लाभ के आंकड़ो से हम ये जान पते है की कंपनी अगर अभी लाभ कमा रही है ,तो आगे भी कमा सकती है या नहीं | सीधी भाषा मे कहे तो कंपनी के नीति का असर लाभ पर हो रहा है या नहीं ,लाभ के ग्राफ से ये पता कर सकते है की आगे लाभ कमा सकती है या नहीं |

ROI को जानने के लिए निम्न फॉर्मूला का उपयोग करते है –

[incom – dividend /share holder equity avrage] * 100 = ROI

Price to earning ratio (PER )

EPS और PER share market के मूल्य की तुलना करता है और उस कीमत को दर्शाता है जो निवेशक मौजूदा लाभ के अनुशार shares के लिए मूल्य देने को तैयार है | इसका कलकुलेशन करना काफी आसान होता है |इसे जानने के लिए निम्न फॉर्मूला का उपयोग करते है –

PE ratio =shares rate /earning per shares

Earning per Shares (EPS )

Earning per Shares (EPS ) निवेशकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है ,क्योकि इससे पता चलता है की shares से किताना लाभ हो रहा है | यह उस मूल्य को दिखाता है जो कंपनी पर shares पर कमाती है | यह किसी कंपनी के विकास के गुनवाता को दिखने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है |इससे पता चलता है की कंपनी की ग्रोथ कितना और कैसा आधार पर हो रही है | इसे जानने के लिए निम्न फॉर्मूला का उपयोग करते है –

EPS =[Net incom – Dividend ] /avrage no of shares

Share market मे Technical Analysis और Fundamental Analysis के क्या लाभ हैं?

अलग-अलग प्रकार से टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस के अलग अलग अलग हैं। नीचे हम आपको इनके बारे में बताने जा रहे हैं।

  • टेक्निकल एनालिसिस करके आप इंट्राडे ट्रेडिंग और कम अवधि के लिए ट्रेडिंग कर सकते हैं और छोटा-छोटा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस करके आप लंबे समय के लिए किसी शेयर में निवेश कर सकते हैं और उसके जरिए मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
  • टेक्निकल एनालिसिस का लाभ यह है कि आप यहां से कम अवधि में छोटे-छोटे मुनाफे प्राप्त करके अपने प्रतिदिन के खर्च अच्छी तरह से चला सकते हैं और एक बड़ी रकम भी तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस करके आप किसी शेयर में लंबे समय के लिए निवेश कर सकते हैं और किसी बड़े वित्तीय लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं।
  • टेक्निकल एनालिसिस करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपको किसी भी मार्केट के दिन भर के उतार-चढ़ाव की जानकारी मिल जाती है जो आपको ट्रेडिंग करने में मदद करती है। ठीक उसी प्रकार से फंडामेंटल एनालिसिस करके आप किसी शेयर और उसकी इंडस्ट्री के भविष्य को समझते हुए निवेश कर सकते हैं।
  • टेक्निकल एनालिसिस से पुराने डाटा को पढ़कर मदद मिलती है। ठीक इसी तरह से फंडामेंटल एनालिसिस में किसी इंडस्ट्री और उसके शेयर के पुराने और वर्तमान डाटा को पढ़कर भविष्य में उतार-चढ़ाव को समझने में मदद मिलती है।
  • टेक्निकल एनालिसिस करके आप चाट और ग्राफ की मदद से ट्रेडिंग के लिए गहराई से जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस करके आप किसी भी प्रकार की कंपनी, उसकी इंडस्ट्री और शेयर के बारे में गहराई से जानकारी हासिल कर सकते

Share market के Technical और Fundamental Analysis में अंतर:

नीचे हम आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में अंतर बताने जा रहे हैं।

  • टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में सबसे बड़ा अंतर यह है कि टेक्निकल एनालिसिस आपको सिर्फ छोटे फायदे दिला सकती है, जबकि फंडामेंटल एनालिसिस आपको अधिक मुनाफा दिला सकती है। 
  • फंडामेंटल एनालिसिस वह व्यक्ति करता है जो लंबे समय के लिए किसी शेयर में निवेश करना चाहता है, जबकि टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडिंग करने वाले लोग करते हैं।
  • फंडामेंटल एनालिसिस में आपको किसी शेयर शेयर जारी करने वाली कंपनी और उस इंडस्ट्री के मार्केट के उतार-चढ़ाव इत्यादि सभी चीजों को देखना पड़ता है जबकि टेक्निकल एनालिसिस में आपको पुराने ग्राफ और डाटा की मदद से भविष्य के मार्केट को समझना होता है।
  • यदि आप किसी से शेयर के लिए फंडामेंटल एनालिसिस कर रहे हैं और उसमें निवेश किया है तो आप लंबे समय के लिए उसी में फंसे रह जाते हैं, जबकि आप टेक्निकल एनालिसिस करके छोटे-छोटे ट्रेडिंग के जरिए अधिक कमाई कर सकते हैं।
  • फंडामेंटल एनालिसिस में आपको अलग-अलग प्रकार के शेयर के लिए अलग-अलग इंडस्ट्री की एनालिसिस करनी पड़ती है जबकि टेक्निकल एनालिसिस में आपको सिर्फ इंडस्ट्री के मार्केट या शेयर मार्केट का ग्राफ और डाटा देखना होता है।

Share market के Technical Analysis और Fundamental Analysis में कौन अधिक भरोसेमंद है?

हालांकि यह कहना बहुत ही मुश्किल है कि टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में कौन अधिक भरोसेमंद है। क्योंकि लंबे समय के लिए निवेश करने वाले लोग फंडामेंटल एनालिसिस पर अधिक जोर देते हैं और कम अवधि के लिए ट्रेडिंग करने वाले लोग टेक्निकल एनालिसिस पर अधिक जोर देते हैं। इसीलिए अलग-अलग प्रकार के निवेश के लिए दोनों एनालिसिस अलग-अलग प्रकार से भरोसेमंद माने जाते हैं।

हालांकि यदि आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने और ट्रेडिंग के जरिए कमाई करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपनी रकम को अलग-अलग अनुपात में बांटकर लंबे समय के लिए शेयर मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग दोनों कर सकते हैं। यदि आप चाहें तो 60% हिस्सा लंबे समय के लिए और 40% हिस्सा ट्रेडिंग के लिए रख सकते हैं। इस प्रकार के पोर्टफोलियो को सेटेलाइट पोर्टफोलियो कहा जाता है।

यदि आप किसी शेयर में निवेश करने जा रहे हैं तो आपको टेक्निकल और फंडामेंटल दोनों प्रकार का एनालिसिस करना आवश्यक है। क्योंकि यदि आप फंडामेंटल एनालिसिस करके सिर्फ लंबे समय के लिए किसी शेयर में निवेश करते हैं तो जरूरी यह नहीं है कि इससे आपको फायदा ही मिल सके। हालांकि लंबे समय के लिए निवेश करना निवेश की सबसे अच्छी प्रक्रिया मानी जाती है लेकिन इसमें सफलता की कोई गारंटी नहीं होती है। 

उदाहरण के रूप में यदि आप 4 वर्ष के लिए किसी शेयर में निवेश करते हैं और आपको 20% का नुकसान होता है तो इस बीच आप टेक्निकल एनालिसिस करके छोटे-छोटे ट्रेडिंग करके उस नुकसान को कवर कर सकते थे। इसीलिए हमेशा सेटेलाइट पोर्टफोलियो को महत्व दिया जाता है जिसमें आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस दोनों ही करने की आवश्यकता पड़ती है। टेक्निकल एनालिसिस करके आप छोटी-छोटी ट्रेडिंग करके छोटा-छोटा मुनाफा कमा सकते हैं ताकि भविष्य में फंडामेंटल एनालिसिस करके खरीदे गए लंबे अवधि के शेयर के संभावित नुकसान को कम किया जा सके या उसे पूरी तरह से लाभ में बदला जा सके।

जैसे यदि आप फंडामेंटल एनालिसिस करते हैं और अपनी रकम का 60% हिस्सा 4 साल के लिए किसी शेयर में निवेश कर देते हैं। यदि आपको वहां से 12% से लेकर 15% का वार्षिक लाभ मिलता है तो इस दौरान आप अपनी सिर्फ 40% रकम से इससे कहीं अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इसीलिए बहुत सारे लोग यह मानते हैं कि टेक्निकल एनालिसिस करना फायदेमंद होता है। हालांकि लंबी अवधि के लिए खरीदे गए शेयर के लिए भी टेक्निकल एनालिसिस किया जा सकता है। यह किसी भी प्रकार के बिजनेस के लिए फायदेमंद और भरोसेमंद माना जाता है। फंडामेंटल एनालिसिस साधारण लोगों के लिए थोड़ा कठिन होता है और यह सिर्फ कॉमर्स को समझने वाले लोगों के लिए ही आसान लगता है।

निष्कर्स

इस लेख मे हमने ये जाना की Share Market Analysis क्या होता है? Technical Analysis और Fundamental Analysis कैसे करते हैं?, Technical Analysis के क्या लाभ हैं? Fundamental Analysis के क्या लाभ हैं? Technical Analysis और Fundamental Analysis में अंतर, Technical Analysis और Fundamental Analysis में कौन अधिक भरोसेमंद है? अगर आपके मन मे इससे संबन्धित कोई और भी सवाल है तो अप हमे कमेन्ट या मेल के माध्यम से लिख सकते है | आपके सवालों के जवाब देते हुये हमे प्रसन्नता होगी |

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