नौकरी पेशा लोगों के लिए PF ( Provident Fund ) निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण बिकल्प के रूप मे देखा जाता है ,जो की अनिवार्य भी है और उपयोगी भी |यह निवेश का जरिया सुराक्षित और आकर्षक माना जाता है क्योकि इस पर मिलने वाला ब्याज , तुलना मे सबसे ज्यादा और टैक्स फ्री होता है |
भारत मे अपने वेतन पर निर्भर रहने वाले कर्मचारियो के लिये PF वरदान की तरह साबित होता है |इसमे सबसे अच्छी बात ये होती है की इस पर मिलने वाला ब्याज उनकी आमदनी मे नहीं जोड़ी जाती है |यहा ये कहना भी गलत नहीं होगा की अधिकतर लोगों के लिए रिटायरमेंट के समय मिलने वाला रकम उनके बुढ़ापे के लिए सहारा भी बन जाता है |
PF के रूप मे मिलने वाला रकम अब तक तो पूरी तरह टैक्स फ्री होता था ,पर अब budget 2021 मे एक बहुत ही महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है जो हम सब के लिए जानना बहुत जरूरी हो गया है जो 1 अप्रैल 2021 से लागू होने वाला है |
अब आइए हम जानते है की बजट 2021 मे PF मे क्या बदलाव किया गया है |
बजट 2021 के बाद PF मे क्या बदला है .. ?
साल 2021 के बजट मे कुछ नयी बदलाव हुई है ,जिसमे से एक PF के ब्याज पर लगाने वाला टैक्स है | जी हाँ ,आपने बिलकुल सही सुना ,1 अप्रैल 2021 से आपके PF पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लागने वाला है |
लेकिन इसमे राहत भरी खबर ये है की इस बदलाव से ज्यादा लोगो पर असर नहीं पड़ने वाला है |अब अप सोच रहे होंगे की ओ कौन से लोग है जिनके ऊपर इस बदलाव का असर होने वाला है |निश्चित ही मै आपके मन मे उठ रहे इस सवाल का जवाब देना वाला हूँ |
किनके ऊपर पड़ेगा PF मे बदलाव का असर …?
बजट पेशी के दौरान बित्त मंत्री द्वारा इस बात का खास ध्यान रखा गया की देश के आम जनमानस ,पीएफ़ मे होने वाले बदलाव के प्रभाव से बचे रहे ,और ऐसा हुआ भी |
अगर आप वेतन भोगी है और आपकी वेतन हाइ इन्कम कैटेगरी मे आती है तो आप इस बदलाव के प्रभाव मे आ सकते है |
एक गरणक के अनुसार अगर आपकी आमदनी लगभग 25 लाख सालाना है , या ये कहे की आपकी PF कटौती 2.5 लाख सालाना से ज्यादा है तो इस पर मिलने वाले ब्याज पर आपको टैक्स देना होगा |
इसमे ध्यान देने योग्य भी एक बात ये है की ये जो 2.5 लाख की कटौती है ये केवल आपके खाते से होने चाहिए .. इसमे आपके कंपनी द्वारा दिया गया योगदान को नहीं जोड़ा जाएगा |
आइए हम इसे एक उदाहरण द्वारा समझने की कोशिश करते है ;-
मन लीजिये आपने एक बित्त वर्ष मे PF मे अपने खाते से तीन लाख रूपये का योगदान दिया |ऐसी स्थिति मे ढाई लाख रुपये पर मिलने वाला ब्याज तो बिलकुल टैक्स फ्री होगा ,पर बाकी के पचास हजार रुपये पर मिलने वाले ब्याज पर आपको , अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स की देनदारी देनी होगी |
क्यों किया गया नियम मे बदलाव …?
जैसा की ऊपर लेख मे मैंने जिक्र किया की PF पर मिलने वाला ब्याज और किसी भी स्कीम से मिलने वाला ब्याज से ज्यादा होने के साथ सुराक्षित भी होता है |
इसी क्रम मे नियमानुसार PF का एक अनुक्रम VPF (Voluntary Provident Fund ) भी है | इसमे कोई भी कर्मचारी अपनी इक्षा से अपने बेसिक सैलरी से 12% कटने वाले PF के अलावा भी अपने VPF खाते मे कुछ रकम जमा करवा सकता है | यह रकम आपके बेसिक सेलरी का शत प्रतिशत तक हो सकता है |
निश्चित रूप से इसपर मिलने वाले ब्याज की दर भी वही होती है जो आपके PF पर मिलने वाला ब्याज का दर होता है |इसक मतलब ये है की अगर आपके PF पर अगर 8% का ब्याज मिल रह है तो ,मौजूदा समय मे आपके VPF पर भी सरकार द्वारा 8%का ही ब्याज प्राप्त होगा |
इस पर मिलने वाले ब्याज का व्यापक रूप से वे लोग जायदा फायदा उठा रहे थे ,जो हाइ सेलरी कर्मचारी है ये लोग अपनी सेलरी का एक बहुत बड़ा हिस्सा VPF के रूप जमा कर उस पर मिलने वाले ब्याज का फाइदा उठा रहे थे |जानकारो का इस मामले मे ये कहनना है की देश पूजी जुटाने के लक्ष्यो को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा ऐसा किया गया है |
ऊपर हमने VPF को संक्षिप्त रूप मे समझने का कोशिश किया है ,आइए अब हम ये समझते है की इसमे निवेश करने का क्या तरीका है ?
VPF मे निवेशकैसे करते है …?
PF की तरह VPF मे भी आकर्षक ब्याज दर मिलने के कारण हर कर्मचारी इसमे पीएफ़ के अतिरिक्त निवेश करना चाहते है |
इसके लिए कर्मचारी को आपने संबन्धित नियोक्ता के HR विभाग से संपर्क करना होता है | उनसे PF मे आपने योगदान को बढ़ाने के लिए आवेदन देना होता है |अगर कंपनी VPF की सर्विस देती होगी तो HR विभाग आगे कि कार्यवाई को पूरी करती है |
आमतौर पर VPF को कर्मचारी के PF अकाउंट से वित वर्ष के शुरुआत मे ही संलग्ण किया जाता है |आपको अपने वीपीएफ़ अकाउंट मे सेलरी का कितना प्रतिशत योगदान देना है इसका निर्धारण आपके इक्षानुसार प्रतिवर्ष संसोधित किया जा सकता है |
आशा करता हु PF और VPF से संबन्धित दी गयी सभी जानकारी आपले लिए उपयोगि सिद्ध होगी | धन्यवाद !